कौन हैं महाकुंभ में आए IIT बाबा? जानिए कैसे अभय सिंह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग छोड़ बन गए संन्यासी

इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है. उनके इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक, वह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है. उनका सब्जेक्ट एयरोस्पेस था.

जनवरी 15, 2025 - 08:06
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कौन हैं महाकुंभ में आए IIT बाबा? जानिए कैसे अभय सिंह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग छोड़ बन गए संन्यासी

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव महाकुंभ का आयोजन इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है. देश-विदेश से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. नागा बाबाओं, अघोरियों और महिला संतों और दुनिया के सबसे सम्मानित धार्मिक नेताओं से मिलने के लिए महाकुंभ एक मंच है. यहां कोई श्रद्धालु भगवान शंकर का रूप लेकर आता है, तो किसी ने मां काली का वेश धारण किया है. इन सबके बीच महाकुंभ में आए एक IITian Baba' की काफी चर्चा हो रही है. महाकुंभ में इन्हें लोग इंजीनियर बाबा भी कहते हैं. इनका दावा है कि उन्होंने बॉम्बे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT Bombay) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) की है. साइंस का रास्ता छोड़कर उन्होंने आध्यात्म का रास्ता अपना लिया. अब उन्हें आध्यात्म की जिंदगी में शांति मिलती है.

आइए जानते हैं कौन हैं ये इंजीनियर बाबा? कहां के रहने वाले हैं? आखिर साइंस की पढ़ाई और नौकरी छोड़कर वो संन्यासी कैसे बन गए:-

असली नाम अभय सिंह, हरियाणा के मूल निवासी
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है. उनके इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक, वह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है. उनका सब्जेक्ट एयरोस्पेस था.

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पढ़ाई खत्म होने के बाद मिला था लाखों का पैकेज
मीडिया इंटरव्यू में अभय सिंह ने दावा किया कि बॉम्बे IIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कैंपेस इंटरव्यू में बैठे थे. इसमें उनका सिलेक्शन हो गया था. उन्हें एक कंपनी से लाखों का पैकेज ऑफर हुआ था. उन्होंने कुछ दिन नौकरी की. 

    

ट्रैवल फोटोग्राफी के लिए छोड़ दी नौकरी
अभय सिंह के मुताबिक, उन्हें स्कूल के दिनों से फोटोग्राफी का शौक था. खासतौर पर वो ट्रैवेल फोटोग्राफी एन्जॉय किया करते थे. वो इससे रिलेटेड कोई कोर्स करना चाहते थे. इसलिए एक दिन इंजीनियरिंग छोड़ दी. फिर ट्रैवल फोटोग्राफी का कोर्स किया. इसी दौरान जिंदगी को लेकर उनकी फिलॉसफी बदल गई. उन्होंने कुछ समय के लिए अपना एक कोचिंग सेंटर भी खोला. यहां फिजिक्स पढ़ाया करते थे. लेकिन, उनका मन नहीं लगता था. उनका मन आध्यात्म में लगने लगा था. 

इंजीनियरिंग से इतर पढ़ते थे फिलॉसफी
इंजीनियर बाबा ने बताया, "इंजीनियरिंग करते हुए मैं फिलॉसफी से कनेक्ट होने लगा. कोर्स से इतर जाकर मैं दर्शनशास्त्र की किताबें पढ़ता था. जिंदगी का मतलब समझने के लिए मैंने नवउत्तरावाद, सुकरात, प्लेटो के आर्टिकल और किताबें पढ़ ली थीं. फिर एक समय आध्यात्म का रास्ता चुन लिया." 

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महादेव को समर्पित की पूरी जिंदगी 
इंजीनियर बाबा ने अपनी पूरी जिंदगी भगवान शिवशंकर को समर्पित कर दी है. उन्होंने बताया, "अब आध्‍यात्‍म में मजा आ रहा है. मैं साइंस के जरिए आध्यात्म को समझ रहा हूं. इसकी गहराइयों में जा रहा हूं. सब कुछ शिव है. सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है."

बताया कैसी लग रही आध्यात्म की जिंदगी
जब इंजीनियर बाबा से पूछा गया कि आध्यात्म की जिंदगी कैसी लग रही है? इसपर वह कहते हैं, "मैं अपनी जिंदगी के सबसे बेस्ट स्टेज पर हूं. अगर आप ज्ञान का पीछा करते हैं, तो आखिरकार यहीं पहुंचेंगे." 

शेयर किया महाकुंभ का एक्सपीरिएंस
महाकुंभ में आने को लेकर इंजीनियर बाबा ने कहा कि यहां आकर मन को शांति मिल रही है. संगम में डुबकी लगाकर वो मन की शांति की तलाश कर रहे हैं. इससे पहले वो कई धार्मिक शहरों में भी रह चुके हैं. आगे भी इस आध्यात्मिक सफर में आगे बढ़ना चाहते हैं. 

महाकुंभ में फर्राटे से बोलते हैं इंग्लिश
महाकुंभ में IITian बाबा फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हैं. तमाम विषयों पर उनकी अच्छी पकड़ है. पत्रकारों के सवालों का जवाब भी अपने अंदाज में मुस्कुराते हुए देते हैं. 

इंस्टाग्राम पर अभय बाबा के 4342 फॉलोअर्स
इंस्टाग्राम पर अभय बाबा के 4342 फॉलोअर्स हैं. बाबा खुद 38 लोगों को फॉलो करते हैं. IITian बाबा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से अब तक 645 पोस्ट किए हैं. उनके ज्यादातर पोस्ट ध्यान, योग, सूत्र, कालचक्र से जुड़े हुए हैं. इंजीनियर बाबा ने अपनी एक किताब का लिंक भी इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है.

एक पोस्ट में अभय सिंह कहते हैं, "मां बाप भगवान नहीं हैं. बल्कि भगवान ही भगवान हैं. वैसे तो फिर सभी भगवान ही हैं."
एक और पोस्ट में वह लिखते हैं, "जिसे हम ईश्वर या विलक्षणता कहते हैं, अगर वह एकमात्र सत्य है और बाकी सब कुछ उसका अपवर्तक रूप है, तो आप खुद तय करिे कि मां बड़ी है या भगवान. मूल रूप से लोग मां के लिए भगवान शब्द का इस्तेमाल करते हैं. बिना यह जाने कि इसका क्या अर्थ है - अब यह देवी भी हो सकती है या विश्व माता भी हो सकती है, लेकिन मुद्दा यह है कि यह सत्य होना चाहिए. माया आधारित रचनाओं की उससे तुलना करना जो इन सबके लिए जिम्मेदार है, बिल्कुल बेवकूफी है."

अभय सिंह एक और वीडियो पोस्ट में आंखों पर बात करते हैं. वह कहते हैं, "आपकी आंखें एक यंत्र हैं, जिनसे आप एक विशिष्ट तरीके से ऊर्जा और शक्ति को बनते या बिगड़ते देख सकते हैं. क्या देखना है... ये आपपर निर्भर करता है." 

शक्ति के लिए बढ़ाए नाखून
इससे पहले इंजीनियर बाबा 4 महीने काशी यानी वाराणसी में भी रह चुके हैं. हरिद्वार और ऋषिकेश में भी रह चुके हैं. इंजीनियर बाबा ने अपनी शक्ति के लिए अपने नाखून और बाल बढ़ा लिए हैं. वह माथे पर भभूत लगाते हैं. गले में रुद्राक्ष पहनते हैं. उन्होंने कहा कि वह जेंटल हो जाएं, अवेयर हो जाएं इसके लिए उन्होंने अपने नाखून बढ़ाए हैं.


 

appuraja9 Appu Raja is a multifaceted professional, blending the roles of science educator, motivator, influencer, and guide with expertise as a software and application developer. With a solid foundation in science education, Appu Raja also has extensive knowledge in a wide range of programming languages and technologies, including PHP, Java, Kotlin, CSS, HTML5, C, C++, Python, COBOL, JavaScript, Swift, SQL, Pascal, and Ruby. Passionate about sharing knowledge and guiding others, Appu Raja is dedicated to inspiring and empowering learners in both science and technology.