सेहतनामा- डायबिटीज में बढ़ता हार्ट डिजीज का जोखिम:मौत का खतरा 28% ज्यादा, डॉक्टर से जानें क्यों बढ़ता रिस्क, कैसे मैनेज करें

यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के मुताबिक, डायबिटीज होने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज से मौत का जोखिम 28% तक बढ़ जाता है। डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर लेवल हाई रहता है, जो ब्लड वेसल्स और हार्ट फंक्शनिंग को कंट्रोल करने वाली नर्व्स को कमजोर कर सकता है। अगर लंबे समय से ब्लड शुगर लेवल हाई है तो एक ऐसी कंडीशन बन सकती है, जिसे विज्ञान की भाषा में एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इसमें आर्टरीज में प्लाक जमने से वो कड़ी हो जाती हैं और ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है। इसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह कंडीशन जितने लंबे समय तक रहती है, ब्लड वेसल्स को उतना ही ज्यादा नुकसान होता है। इसके कारण हार्ट हेल्थ बिगड़ती जाती है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हार्ट से जुड़ी समस्याएं दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण हैं। साल 2019 में हार्ट प्रॉब्लम के कारण जो 1.79 करोड़ मौतें हुईं, उसमें से 85% का कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक था। इसके पीछे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर बड़ा कारण है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में डायबिटीज और हार्ट हेल्थ के कनेक्शन पर बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- दुनिया के एक चौथाई डायबिटिक लोग भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पूरी दुनिया में साल 2022 में 83 करोड़ लोगों को डायबिटीज था। चौंकाने वाली बात ये है कि पूरी दुनिया के एक चौथाई से भी ज्यादा डायबिटिक लोग अकेले भारत में थे। साल 2022 में भारत में 21.1 करोड़ लोग डायबिटिक थे। इसका मतलब है कि भारत में डायबिटिक लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। डायबिटीज और हार्ट हेल्थ का क्या कनेक्शन है? डायबिटीज ऐसी लाइफस्टाइल डिजीज है, जो शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण ब्लड में शुगर लेवल बढ़ता है। शरीर में ब्लड की सबसे ज्यादा जरूरत हार्ट, ब्रेन और किडनी को होती है। इसलिए डायबिटीज होने पर सबसे ज्यादा नुकसान भी इन अंगों को होता है। इससे हार्ट पर क्या असर पड़ता है, बता रहे हैं, डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. समिथ ए. शेट्टी- ब्लड शुगर लेवल हाई रहने से बढ़ता ब्लड प्रेशर डॉ. समिथ ए. शेट्टी कहते हैं कि अगर लंबे समय से ब्लड शुगर लेवल ज्यादा है तो इससे ब्लड वेसल्स कमजोर होने लगती हैं। इसे ऐसे समझिए कि वेसल्स में एक तरह का कचरा जमा होने लगता है, जिसे मेडिसिन की भाषा में प्लाक कहते हैं। इससे ब्लड वेसल्स टाइट हो जाती हैं और ब्लड का फ्लो प्रभावित होता है। इसलिए ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ जाता है। डॉ. समिथ ए. शेट्टी के मुताबिक, ब्लड शुगर लेवल ज्यादा रहने से हार्ट और ब्लड वेसल्स की फंक्शनिंग के लिए जिम्मेदार नर्व्स डैमेज हो सकती हैं। इससे हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर की लय बिगड़ सकती है। इससे और क्या नुकसान होते हैं, ग्राफिक में देखिए- डायबिटीज से हो सकती हैं कई हार्ट प्रॉब्लम्स डायबिटिक लोगों को हार्ट संबंधी कई समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें सबसे आम है, कोरोनरी आर्टरी डिजीज। इसमें हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरीज सिकुड़ने लगती हैं। अगर ये आर्टरीज ज्यादा सिकुड़ गई हैं कि ब्लड फ्लो ब्लॉक हो सकता है, जो हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। डायबिटीज के कारण होने वाली सभी हार्ट प्रॉब्लम ग्राफिक में देखिए- इन डिजीज को थोड़ा विस्तार से समझिए- कोरोनरी आर्टरी डिजीज: यह सबसे आम कार्डियोवस्कुलर डिजीज है। हार्ट तक ब्लड पहुंचाने वाली आर्टरीज संकुचित होने के कारण ऐसा होता है। हार्ट फेल्योर: इस कंडीशन में हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। इसलिए हार्ट शरीर की जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर पाता है। इसमें हार्ट की फंक्शनिंग धीरे-धीरे खराब होती है। कार्डियोमायोपैथी: इस हार्ट डिजीज में हार्ट की मसल्स कमजोर या कठोर हो जाती हैं, जिससे हार्ट सही ढंग से ब्लड पंप नहीं कर पाता है। इससे हार्ट की फंक्शनिंग कमजोर हो सकती है। हार्ट अटैक: अगर कोरोनरी आर्टरीज पूरी तरह ब्लॉक हो जाती हैं तो हार्ट अटैक हो सकता है। यह कंडीशन ज्यादातर मामलों में घातक साबित हो सकती है। स्ट्रोक: यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें ब्रेन का ब्लड फ्लो रुक जाता है। आमतौर पर ब्लड क्लॉटिंग के कारण ऐसा होता है। डायबिटीज होने पर कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम कैसे कम कर सकते हैं? डॉ. समिथ ए. शेट्टी कहते हैं कि अगर कोई डायबिटिक है तो यह भी तय है कि उसे दूसरों की अपेक्षा कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम ज्यादा होगा। हालांकि, कुछ टिप्स अपनाकर हम अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं। इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं ब्लड शुगर कंट्रोल करें: हार्ट संबंधी कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। इसके लिए हेल्दी डाइट लें। रेगुलर एक्सरसाइज करें और डॉक्टर की बताई सभी दवाएं नियमित समय पर लें। ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखें: सबसे पहले तो रेगुलर ब्लड प्रेशर की जांच करें। इसे कंट्रोल में रखने के लिए दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करें। हेल्दी डाइट लें, रेगुलर एक्सरसाइज करें और रोज 7-8 घंटे की नींद लें। कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करें: डॉक्टर से सलाह लेकर कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करने के लिए प्लानिंग करें। इसके लिए हेल्दी डाइट लें, एक्सरसाइज करें और दवाएं जरूर लें। रिफाइंड ऑयल और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड बिल्कुल न खाएं। स्मोकिंग छोड़ें: स्मोकिंग हार्ट डिजीज का जोखिम कई गुना बढ़ा सकता है। इसलिए अगर स्मोकिंग करते हैं तो इसे छोड़ना ही सबसे अच्छा फैसला होगा। रेगुलर चेकअप करवाएं: हार्ट डिजीज का जोखिम कम करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि रेगुलर चेकअप करवाएं। अपने ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करवाते रहें ताकि किसी बड़ी समस्या का समय पर पता चल सके और सही ट्रीटमेंट मिल सके। डायबिटीज और कार्डियोवस्कुलर डिजीज से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज में किसे हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा हो

फ़रवरी 26, 2025 - 22:20
 0  1
सेहतनामा- डायबिटीज में बढ़ता हार्ट डिजीज का जोखिम:मौत का खतरा 28% ज्यादा, डॉक्टर से जानें क्यों बढ़ता रिस्क, कैसे मैनेज करें
यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के मुताबिक, डायबिटीज होने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज से मौत का जोखिम 28% तक बढ़ जाता है। डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर लेवल हाई रहता है, जो ब्लड वेसल्स और हार्ट फंक्शनिंग को कंट्रोल करने वाली नर्व्स को कमजोर कर सकता है। अगर लंबे समय से ब्लड शुगर लेवल हाई है तो एक ऐसी कंडीशन बन सकती है, जिसे विज्ञान की भाषा में एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इसमें आर्टरीज में प्लाक जमने से वो कड़ी हो जाती हैं और ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है। इसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह कंडीशन जितने लंबे समय तक रहती है, ब्लड वेसल्स को उतना ही ज्यादा नुकसान होता है। इसके कारण हार्ट हेल्थ बिगड़ती जाती है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हार्ट से जुड़ी समस्याएं दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण हैं। साल 2019 में हार्ट प्रॉब्लम के कारण जो 1.79 करोड़ मौतें हुईं, उसमें से 85% का कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक था। इसके पीछे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर बड़ा कारण है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में डायबिटीज और हार्ट हेल्थ के कनेक्शन पर बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- दुनिया के एक चौथाई डायबिटिक लोग भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पूरी दुनिया में साल 2022 में 83 करोड़ लोगों को डायबिटीज था। चौंकाने वाली बात ये है कि पूरी दुनिया के एक चौथाई से भी ज्यादा डायबिटिक लोग अकेले भारत में थे। साल 2022 में भारत में 21.1 करोड़ लोग डायबिटिक थे। इसका मतलब है कि भारत में डायबिटिक लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। डायबिटीज और हार्ट हेल्थ का क्या कनेक्शन है? डायबिटीज ऐसी लाइफस्टाइल डिजीज है, जो शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण ब्लड में शुगर लेवल बढ़ता है। शरीर में ब्लड की सबसे ज्यादा जरूरत हार्ट, ब्रेन और किडनी को होती है। इसलिए डायबिटीज होने पर सबसे ज्यादा नुकसान भी इन अंगों को होता है। इससे हार्ट पर क्या असर पड़ता है, बता रहे हैं, डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. समिथ ए. शेट्टी- ब्लड शुगर लेवल हाई रहने से बढ़ता ब्लड प्रेशर डॉ. समिथ ए. शेट्टी कहते हैं कि अगर लंबे समय से ब्लड शुगर लेवल ज्यादा है तो इससे ब्लड वेसल्स कमजोर होने लगती हैं। इसे ऐसे समझिए कि वेसल्स में एक तरह का कचरा जमा होने लगता है, जिसे मेडिसिन की भाषा में प्लाक कहते हैं। इससे ब्लड वेसल्स टाइट हो जाती हैं और ब्लड का फ्लो प्रभावित होता है। इसलिए ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ जाता है। डॉ. समिथ ए. शेट्टी के मुताबिक, ब्लड शुगर लेवल ज्यादा रहने से हार्ट और ब्लड वेसल्स की फंक्शनिंग के लिए जिम्मेदार नर्व्स डैमेज हो सकती हैं। इससे हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर की लय बिगड़ सकती है। इससे और क्या नुकसान होते हैं, ग्राफिक में देखिए- डायबिटीज से हो सकती हैं कई हार्ट प्रॉब्लम्स डायबिटिक लोगों को हार्ट संबंधी कई समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें सबसे आम है, कोरोनरी आर्टरी डिजीज। इसमें हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरीज सिकुड़ने लगती हैं। अगर ये आर्टरीज ज्यादा सिकुड़ गई हैं कि ब्लड फ्लो ब्लॉक हो सकता है, जो हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। डायबिटीज के कारण होने वाली सभी हार्ट प्रॉब्लम ग्राफिक में देखिए- इन डिजीज को थोड़ा विस्तार से समझिए- कोरोनरी आर्टरी डिजीज: यह सबसे आम कार्डियोवस्कुलर डिजीज है। हार्ट तक ब्लड पहुंचाने वाली आर्टरीज संकुचित होने के कारण ऐसा होता है। हार्ट फेल्योर: इस कंडीशन में हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। इसलिए हार्ट शरीर की जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर पाता है। इसमें हार्ट की फंक्शनिंग धीरे-धीरे खराब होती है। कार्डियोमायोपैथी: इस हार्ट डिजीज में हार्ट की मसल्स कमजोर या कठोर हो जाती हैं, जिससे हार्ट सही ढंग से ब्लड पंप नहीं कर पाता है। इससे हार्ट की फंक्शनिंग कमजोर हो सकती है। हार्ट अटैक: अगर कोरोनरी आर्टरीज पूरी तरह ब्लॉक हो जाती हैं तो हार्ट अटैक हो सकता है। यह कंडीशन ज्यादातर मामलों में घातक साबित हो सकती है। स्ट्रोक: यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें ब्रेन का ब्लड फ्लो रुक जाता है। आमतौर पर ब्लड क्लॉटिंग के कारण ऐसा होता है। डायबिटीज होने पर कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम कैसे कम कर सकते हैं? डॉ. समिथ ए. शेट्टी कहते हैं कि अगर कोई डायबिटिक है तो यह भी तय है कि उसे दूसरों की अपेक्षा कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम ज्यादा होगा। हालांकि, कुछ टिप्स अपनाकर हम अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं। इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं ब्लड शुगर कंट्रोल करें: हार्ट संबंधी कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। इसके लिए हेल्दी डाइट लें। रेगुलर एक्सरसाइज करें और डॉक्टर की बताई सभी दवाएं नियमित समय पर लें। ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखें: सबसे पहले तो रेगुलर ब्लड प्रेशर की जांच करें। इसे कंट्रोल में रखने के लिए दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करें। हेल्दी डाइट लें, रेगुलर एक्सरसाइज करें और रोज 7-8 घंटे की नींद लें। कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करें: डॉक्टर से सलाह लेकर कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करने के लिए प्लानिंग करें। इसके लिए हेल्दी डाइट लें, एक्सरसाइज करें और दवाएं जरूर लें। रिफाइंड ऑयल और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड बिल्कुल न खाएं। स्मोकिंग छोड़ें: स्मोकिंग हार्ट डिजीज का जोखिम कई गुना बढ़ा सकता है। इसलिए अगर स्मोकिंग करते हैं तो इसे छोड़ना ही सबसे अच्छा फैसला होगा। रेगुलर चेकअप करवाएं: हार्ट डिजीज का जोखिम कम करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि रेगुलर चेकअप करवाएं। अपने ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करवाते रहें ताकि किसी बड़ी समस्या का समय पर पता चल सके और सही ट्रीटमेंट मिल सके। डायबिटीज और कार्डियोवस्कुलर डिजीज से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज में किसे हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा होता है? जवाब: टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज, दोनों को हार्ट डिजीज का खतरा दूसरों की अपेक्षा ज्यादा होता है। हालांकि, टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। सवाल: क्या बिना किसी लक्षण के भी डायबिटीज के मरीजों को हार्ट डिजीज हो सकती है? जवाब: हां, कई बार डायबिटिक लोगों को बिना किसी स्पष्ट लक्षण के भी हार्ट डिजीज हो सकती है। इसलिए रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है। सवाल: क्या लाइफस्टाइल बदलने से डायबिटीज और हार्ट डिजीज का जोखिम कम हो सकता है? जवाब: हां, हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट, वेट कंट्रोल और नियमित 8 घंटे की नींद से इन खतरों को कम किया जा सकता है। अगर सिगरेट या शराब का सेवन करते हैं तो इन्हें छोड़ने से जोखिम और कम हो सकता है। ……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- अनानास खाने से दूर होता इंफ्लेमेशन: 15 औषधीय गुण, डॉक्टर से जानें किसे नहीं खाना चाहिए स्वाद और बनावट के साथ अनानास सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसमें विटामिन C, मैंगनीज और एंजाइम जैसे पोषक तत्व होते हैं। अनानास में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और एंजाइम्स इंफ्लेमेशन और कई बीमारियों से बचाते हैं। पूरी खबर पढ़िए...
appuraja9 Appu Raja is a multifaceted professional, blending the roles of science educator, motivator, influencer, and guide with expertise as a software and application developer. With a solid foundation in science education, Appu Raja also has extensive knowledge in a wide range of programming languages and technologies, including PHP, Java, Kotlin, CSS, HTML5, C, C++, Python, COBOL, JavaScript, Swift, SQL, Pascal, and Ruby. Passionate about sharing knowledge and guiding others, Appu Raja is dedicated to inspiring and empowering learners in both science and technology.