भारत में HMPV वायरस के अब तक 9 मामले सामने आ चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में मामले इतने बढ़ गए हैं कि अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। पूरी दुनिया में इसे लेकर डर बढ़ रहा है। हालांकि आगे बढ़ने से पहले हम ये बता दें कि फिलहाल इस वायरस को लेकर डरने की कोई बात नहीं है। किसी भी समझदार और जागरूक व्यक्ति की तरह सिर्फ सतर्क रहने की जरूरत है। भारत में सामने आए ज्यादातर मामलों में बच्चों की उम्र 1 साल से कम है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, HMPV वायरस का सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को है। हालांकि हमें इससे आगे सोचने की जरूरत है। HMPV इन्फेक्शन के लक्षण कोरोना वायरस से मेल खाते हैं। इसके कारण हो रहे कॉम्प्लिकेशन भी कमोबेश कोरोना वायरस से हुए कॉम्प्लिकेशन जैसे ही हैं। HMPV वायरस का गंभीर संक्रमण होने पर निमोनिया और ब्रोंकाइटिस विकसित होने का जोखिम होता है। कोरोना वायरस ने सबसे अधिक नुकसान उन लोगों को पहुंचाया था, जिनके लंग्स पहले से कमजोर थे। जिन लोगों को अस्थमा, डायबिटीज या हाइपरटेंशन की शिकायत थी। ठीक ऐसा ही HMPV वायरस के मामले में हो रहा है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि HMPV वायरस से किन लोगों को ज्यादा खतरा है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अंकित पटेल, जनरल फिजिशियन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा HMPV वायरस का सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्गों को है। असल में छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता है। जबकि 60 साल से अधिक उम्र होने पर इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। इसलिए इन्हें HMPV वायरस या किसी अन्य पैथोजेन के इन्फेक्शन का जोखिम दूसरे लोगों की अपेक्षा ज्यादा होता है। HMPV वायरस के कारण वायरल इन्फेक्शन और रेस्पिरेटरी इलनेस हो रही है। इसलिए उन लोगों को ज्यादा कॉम्प्लिकेशन हो रहे हैं, जिनके लंग्स पहले से कमजोर हैं। HMPV वायरस से खतरे की जद में कौन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में कुछ लोग हर समय वलनरेबल होते हैं। इन्हें छोटी-छोटी बीमारियां भी बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। बहुत संभव है कि HMPV वायरस के कारण ज्यादातर लोगों में सामान्य फ्लू जैसे लक्षण ही दिखेंगे, जबकि वलनरेबल लोगों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं है। फिजिशियन डॉ. अंकित पटेल कहते हैं कि अगर किसी को सीवियर डायबिटीज या हाइपरटेंशन है। उन्हें इन कंडीशंस को कंट्रोल में रखने के लिए रोज दवाएं खानी पड़ती हैं तो HMPV वायरस के इन्फेक्शन से हेल्थ कंडीशन ज्यादा खराब हो सकती है। किन लोगों को हो सकते हैं ज्यादा कॉम्प्लिकेशन डॉ. अंकित पटेल कहते हैं कि अगर कोई शख्स पहले से किसी क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन से जूझ रहा है तो उसे HMPV वायरस के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। अब चूंकि HMPV वायरस से लंग्स और रेस्पिरेटरी सिस्टम सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं तो जो लोग स्मोक करते हैं या जिन्हें अस्थमा जैसी क्रॉनिक लंग्स कंडीशन है, उन्हें ज्यादा नुकसान हो सकता है। इसकी मुख्य वजह ये है कि इन लोगों के लंग्स पहले से ही कमजोर हैं। यह ठीक वैसा ही है कि अगर भूकंप आता है तो सबसे ज्यादा नुकसान सबसे कमजोर बिल्डिंग को होता है। इसके अलावा और किसे HMPV वायरस से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, ग्राफिक में देखिए: HMPV वायरस से लड़ने के लिए खुद को कैसे तैयार करें? अगर HMPV वायरस का जोखिम कम करना है तो सबसे पहले लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने होंगे। अगर स्मोक करते हैं तो इसे तुरंत छोड़ दें। अगर वजन ज्यादा है तो इसे कम करने का प्रयास करें। सबसे पहले कमर के आसपास जमा फैट को कम करने की कोशिश करें। रोज 7-8 घंटे की गहरी नींद लें। इससे स्ट्रेस कम करने में मदद मिलेगी और सभी ऑर्गन्स को हीलिंग में भी मदद मिलती है। इसके अलावा स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए योग या मेडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं। इस दौरान हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लेते रहें। इससे शरीर वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाएगा। इसका मतलब है कि इम्यून सिस्टम कुछ हद तक रिकवर हो जाएगा। वायरस के इन्फेक्शन से बचने के लिए भी जरूरी उपाय करें। इसके लिए हाइजीन का ध्यान रखें और बार-बार साबुन से हाथ धोते रहें। इसके अलावा और क्या सावधानियां बरतनी हैं, ग्राफिक में देखिए: HMPV से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: HMPV वायरस का इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक हो जाता है? जवाब: अधिकांश स्वस्थ लोग आमतौर पर 7-10 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में लोगों को रिकवरी में ज्यादा समय लग सकता है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। ज्यादा जोखिम कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को, स्मोकर्स को और क्रॉनिक लंग्स डिजीज वाले लोगों को है। इसके अलावा सीवियर डायबिटीज और हाइपरटेंशन से जूझ रहे लोगों को भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। सवाल: क्या एंटीबायोटिक्स लेने से यह इन्फेक्शन खत्म हो जाएगा? जवाब: नहीं, HMPV के खिलाफ कोई एंटीबायोटिक काम नहीं करती है क्योंकि यह बैक्टीरिया नहीं है। हालांकि, इसका सामना करने के लिए कोई एंटीवायरल दवा भी नहीं तैयार की गई है। HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन भी नहीं विकसित की गई है। सवाल: क्या HMPV वायरस इन्फेक्शन घर पर रहकर ठीक हो सकता है? जवाब: हां, यह घर पर रहकर ही ठीक हो सकता है। अगर किसी को HMPV इन्फेक्शन के बाद कॉमन कोल्ड जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करके जरूरी दवाएं लेकर घर पर रहकर ही इसे ठीक किया जा सकता है। इस दौरान अपने मन से दवाएं न लें। HMPV के इन्फेक्शन में घर पर ही रिकवरी हो सकती है। इसके बावजूद खुद को आइसोलेट करना चाहिए। स्वस्थ होने तक भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए और किसी से बात करते समय मास्क पहनना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्फेक्टेड व्यक्ति वायरस स्प्रेड का कारण बन सकता है। अगर इसकी जद में कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग आए तो उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सवाल: क्या HMPV वायरस एक मौसमी बीमारी है? जवाब: हां, ऐसा कहा जा सकता है। आमतौर पर यह वायरस दूसरे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन की तरह हर साल सर्दियों में तेजी से फैलता है और ठंड खत्म होने के साथ फिर से ठंडे बस्ते में चला जाता है। हालांकि, इस बार चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने चिंता जताई है कि यह वायरस पूरे साल प्रभावी रह सकता है।
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