चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता लगाया है। यह चमगादड़ों से इंसानों में फैल सकता है। इस नए स्ट्रेन का नाम है, एचकेयू-5-CoV-2। कोरोना वायरस के कुछ ही स्ट्रेन इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। इनमें से एक एचकेयू-5 है। यह जानकारी साइंटिफिक जर्नल ‘Cell’ में पब्लिश एक स्टडी में सामने आई है। इस वायरस के संक्रमण का तरीका कोविड-19 जैसा ही है। इसलिए लोग डर रहे हैं कि कहीं ये भी दुनिया में नई महामारी की वजह न बन जाए। इसलिए वैज्ञानिक कह रहे हैं कि हमें सतर्क रहना होगा और कोरोना के प्रकोप के लिए तैयार रहना होगा। भारत चीन का पड़ोसी देश है और दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही भी खूब होती है। कोविड-19 के प्रकोप के दौरान भी भारत को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा था। अब यही डर नए स्ट्रेन एचकेयू-5 को लेकर भी है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अली शेर, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, दिल्ली सवाल: एचकेयू-5-CoV-2 स्ट्रेन (बैट वायरस) क्या है? जवाब: एचकेयू-5-CoV-2 कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन है। यह चमगादड़ के जरिए इंसानों में फैल सकता है। हाल ही में चीनी वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया है। यह वायरस ACE2 रिसेप्टर के जरिए इंसानों की कोशिकाओं में प्रवेश करता है। कोशिकाओं की सहत पर बहुत सारे रिसेप्टर होते हैं। ये कोशिका की सहत पर ताले की तरह होते हैं, जिन्हें कुछ खतरनाक वायरस खोल देते हैं और कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं। इसका मतलब है कि जो वायरस इंसानों की कोशिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं, वे इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। ये रिसेप्टर क्या होता है, बता रहे हैं डॉ. अली शेर- सवाल: नया स्ट्रेन कोविड-19 वाले स्ट्रेन से कितना अलग है? जवाब: इन दोनों स्ट्रेन में कई समानताएं हैं। एचकेयू-5-CoV-2 और SARS-CoV-2, दोनों बीटा-कोरोनावायरस (Beta-CoV) समूह के सदस्य हैं। इसका मतलब है कि दोनों एक ही परिवार का हिस्सा हैं। दोनों स्ट्रेन चमगादड़ों से इंसानों में फैल सकते हैं। दोनों ACE2 रिसेप्टर के जरिए इंसानी कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं। इनके बीच फर्क ये है कि एचकेयू-5 फिलहाल कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है क्योंकि इसकी संक्रमण दर सार्स-CoV-2 जितनी तेज नहीं है। सवाल: क्या कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से फिर महामारी की स्थिति पैदा हो सकती है? जवाब: एचकेयू-5 अभी कोरोना वायरस का इतना नया स्ट्रेन है कि इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है। कोविड-19 के बाद कोरोना वायरस के कई नए स्ट्रेन पता चले हैं, लेकिन कोई वायरस उतना घातक या संक्रामक नहीं साबित हुआ है। सवाल: क्या भारत में अभी तक इसका कोई केस मिला है? जवाब: नहीं, अभी तक एचकेयू-5-CoV-2 स्ट्रेन का कोई मामला भारत में दर्ज नहीं किया गया है। सवाल: एचकेयू-5 अभी तक किन देशों में फैला है? जवाब: कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन चीन में चमगादड़ों में पता चला है और अभी तक इंसानों में इसके संक्रमण का कोई सबूत नहीं मिला है। इस स्ट्रेन का सबसे पहला मामला हांगकांग में एक जापानी प्रजाति के चमगादड़ में मिला था। लैब में रिसर्च के दौरान यह पता चला है कि कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन इंसानों में भी फैल सकता है। हालांकि, अभी तक इंसानों में इसका कोई केस देखने को नहीं मिला है। सवाल: एचकेयू-5 के बारे में वैज्ञानिक क्या कह रहे हैं? जवाब: चीन की ग्वांगझू लैबोरेटरी में प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली के नेतृत्व में कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन पर रिसर्च की गई है। उनका कहना है कि एचकेयू-5 अभी सिर्फ जानवरों और पक्षियों से इंसानों में संक्रमण (जूनोटिक ट्रांसमिशन) का खतरा पैदा कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही मर्बेकोवायरस (Merbecovirus) को संभावित महामारी की सूची में शामिल कर रखा है। एचकेयू-5-CoV-2 इसी मर्बेकोवायरस ग्रुप से संबंधित है। इसलिए इस पर भी वैज्ञानिकों की नजर है। सवाल: भारत की हेल्थ अथॉरिटीज ने इस स्ट्रेन के बारे में क्या कहा है? जवाब: एचकेयू-5-CoV-2 के बारे में भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। हालांकि राहत की बात ये है कि यह वायरस हाल ही में चीन में चमगादड़ों में खोजा गया है और अभी तक इंसानों में इसका संक्रमण नहीं फैला है। भारतीय स्वास्थ्य विभाग और वैज्ञानिक संस्थाएं इस उभरते हुए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पर लगातार नजर रखे हुए हैं। सवाल: एचकेयू-5-CoV-2 के संभावित लक्षण क्या हो सकते हैं? जवाब: एचकेयू-5-CoV-2 वायरस का संबंध मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) कोरोना वायरस से है। इसलिए डॉक्टर्स का अनुमान है कि इसके लक्षण भी MERS से मिलते-जुलते हो सकते हैं। इसके कारण बुखार, खांसी, थकान, छींक, कंपकंपी, भूख न लगने, सांस फूलने, डायरिया और मतली-उल्टी होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सवाल: क्या इस पर कोविड-19 की वैक्सीन कारगर है? जवाब: फिलहाल पूरी दुनिया के लिए एचकेयू-5-CoV-2 वायरस बहुत नया है। अभी से यह कहना बहुत मुश्किल है कि COVID-19 की वैक्सीन एचकेयू-5 के खिलाफ कारगर साबित होगी या नहीं। हालांकि, अभी तक लैब में हुई रिसर्च में पता चला है कि कुछ एंटीवायरल दवाएं और मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज इस नए वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकती हैं। आने वाले समय में यह कैसे म्यूटेट होगा और इसका स्वरूप कितना बदलेगा, यह कुछ समय बाद ही पता चलेगा। सवाल: एचकेयू-5-CoV-2 इंसानों में कैसे फैल सकता है? जवाब: यह वायरस इंसानों तक दो तरीकों से फैल सकता है: सीधा संक्रमण- अगर कोई व्यक्ति संक्रमित चमगादड़ों या उनके शरीर के तरल पदार्थ जैसे लार, पेशाब या मल के संपर्क में आता है तो उसे यह वायरस संक्रमित कर सकता है। दूसरे जानवर के जरिए- यह वायरस पहले किसी दूसरे जानवर में फैल सकता है और फिर उससे इंसानों तक पहुंच सकता है। पिछले कई कोरोना वायरस के स्ट्रेन इसी तरह फैले थे। सवाल: एचकेयू-5-CoV-2 से बचाव के लिए हम क्या कर सकते हैं? जवाब: अभी तक एचकेयू-5-CoV-2 के इंसानों में संक्रमण का कोई मामला नहीं मिला है। इसके बावजूद संक्रमण से बचने के लिए कुछ सावधानियां अपना सकते हैं। इसके लिए ठीक कोविड-19 की तरह सावधानियां बरतनी हैं- अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन, आईसीएमआर या भारत सरकार वायरस के नए स्ट्रेन के लिए गाइडलाइंस जारी करते हैं तो उसे फॉलो करें। …………………….
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