ट्रंप से दुनिया में हड़कंप: ब्याज दरें बढ़ा रहा जापान, मैक्सिको ने बॉर्डर पर तंबू लगाए, जानिए क्या मची है हलचल
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मकसद साफ है- अमेरिका फर्स्ट. ऐसे में दुनियाभर के देशों में हड़कंप मच गया है.
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही दुनियाभर में हड़कंप मच गया है. ऐसी उथप-पुथल मची है कि वर्ल्ड इकोनॉमी से लेकर दुनियाभर में चल रही योजनाओं प्रभावित हुई हैं. ट्रंप के एक्जीक्यूटिव ऑडर्स के बाद चीन अपने स्टॉक मार्केट को बचाने की तैयारियों में लगा है, मैक्सिको को अवैध शरणार्थियों के लिए अपने बॉर्डर पर तंबू तानने पड़े हैं. ईरान को मिलिट्री स्ट्राइक का खौफ सता रहा है. वहीं जापान, ट्रंप की नीतियों को देखते हुए ब्याज दरें बढ़ाने पर विचार कर रहा है. राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल के साथ अमेरिका का स्वर्णिम युग शुरू हो गया है, लेकिन अन्य देशों पर इसका विपरीत की असर देखने को मिल रहा है.
सीमा पर अवैध प्रवासियों की भीड़, मैक्सिको को तानने पड़े तंबू
ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह इमिग्रेशन और अवैध घुसपैठ को सख्ती से रोकेंगे. अब राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले इमिग्रेशन और अवैध घुसपैठ को सख्ती से रोकने का ऐलान किया है. इसके बाद से सीमा पर स्थित रिफ्यूजी शेल्टर बंद हो चुके हैं. वहां से शरणार्थियों को खदेड़ा जा रहा है. ऐसे में मैक्सिको की सीमा पर अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ट्रंप की सामूहिक निर्वासन की धमकी से बाद मैक्सिकन सैनिक अमेरिका के साथ सीमा के पास इमरजेंसी शेल्टर होम बनाने के लिए गुरुवार को पहुंचे. मैक्सिकन सरकार ने कहा कि उसने "मेक्सिको आपको गले लगाता है" नामक एक योजना के तहत, कुल क्षमता को स्पष्ट किए बिना अपने नागरिकों के लिए नौ और निर्वासित विदेशियों के लिए तीन और शेल्टर होम खोलने की योजना बनाई है. राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा कि मेक्सिको अन्य देशों से निर्वासित प्रवासियों को वापस भेजने से पहले उन्हें मानवीय सहायता प्रदान करेगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने वो ऐप भी बद कर दिया है, जिससे शरणार्थियों को मदद मिलती थी.
जापान बढ़ाने जा रहा ब्याज दरें
ट्रंप का मकसद साफ है- अमेरिका फर्स्ट। ऐसे में वह टैरिफ बढ़ाने और अन्य देशों को दी जाने वाली मदद को कम करने या खत्म करने पर विचार कर रहे हैं. ऐसे में जापान जैसे देशों की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हो सकती है. जापान को भी इस बात का अहसास है, इसलिए उन्होंने कुछ कदम उठाने पर विचार करना शुरू भी कर दिया है. बैंक ऑफ जापान ने जुलाई में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, लेकिन ट्रंप की नीतियों से घबरा कर उसे साल में दूरी बार ब्याज दरों में इजाफा करने के बाद में सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा है. बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरें बढ़ाने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को बैठक की है. ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 0.5 प्रतिशत करने पर चर्चा की जा रही है.
एयर स्ट्राइक के खौफ में ईरान
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्हें ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर सैन्य हमले से बचने की उम्मीद है, जिस विकल्प पर इजरायल लंबे समय से विचार कर रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईरानी परमाणु सुविधाओं के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का समर्थन करेंगे, ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मुद्दे के बारे में बात करने जा रहे हैं. ट्रम्प ने ईरानी परमाणु मुद्दे के बारे में कहा, 'इसके बारे में चिंता किए बिना इस पर काम किया जा सकता है. यह वास्तव में अच्छा होगा अगर उस पर आगे कदम बढ़ाए बिना काम किया जा सके.' ईरान के साथ कूटनीतिक संभावनाओं पर ट्रंप ने कहा, 'उम्मीद है कि ईरान एक समझौता करेगा और अगर वे कोई समझौता नहीं करते हैं, तो मुझे लगता है कि यह भी ठीक है.' इस तरह इशारों ही इशारों में ट्रंप ने संकेट दे दिया कि अगर ईरान समझौता नहीं करता है, तो वे क्या कर सकते हैं.
चीन अपने स्टॉक मार्केट को बचाने की तैयारियों में लगा
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन के शेयर बाजार में भी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की भी बात कही है... ऐसे में चीन अपने स्टॉक मार्केट को बचाने की तैयारियों में जुट गया है. चीनी अधिकारियों ने देश के शेयर बाजारों को मजबूत करने के लिए पेंशन फंड को सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करने की अनुमति देने और कंपनियों को शेयर खरीद बढ़ाने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया है. इस कदम से शंघाई के शेयर बाजार को आगे बढ़ने में कुछ समर्थन मिला, लेकिन हांगकांग ने शुरुआती बढ़त गंवाकर निचले स्तर पर बंद हुआ.