Shattila Ekadashi 2025:  इन 108 मंत्रों से करें तुलसी का पूजन, मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान

इस साल षटतिला एकादशी पर बहुत सारे संयोग बन रहे हैं. षटतिला एकादशी पर तुलसी माता के 108 नामों का जप करने पर शुभ फल प्राप्त होंगे.

जनवरी 24, 2025 - 09:52
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Shattila Ekadashi 2025:  इन 108 मंत्रों से करें तुलसी का पूजन, मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान

Shattila Ekadashi 2025: सनातन धर्म में सभी तिथियों में एकादशी तिथि (Ekadashi) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. साल की सभी एकादशी तिथियों पर भगवान विष्णु के निमित्त पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है. एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के साथ साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. इन्हीं में से एक है षटतिला एकदाशी (Shattila Ekadashi 2025). मान्यता है कि षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ साथ तुलसी की भी पूजा की जाती है और इससे जातक को बेहद शुभ फल प्राप्त होते हैं. चलिए जानते हैं कि षटतिला एकादशी कब है और इस दिन तुलसी जाप किस तरह किया जाता है ताकि अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हो सके.

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कब है षटतिला एकादशी 2025  (When is Shattila Ekadashi 2025)


हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा. माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी 24 जनवरी को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी 25 जनवरी को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार षटतिला एकादशी 25 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त की पूजा का समय सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. जो लोग षटतिला एकादशी का व्रत करते हैं, वो लोग दिन भर व्रत करने के बाद व्रत का पारण अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 12 मिनट के बाद कभी भी कर सकते हैं. इस साल षटतिला एकादशी पर कई शुभ और अद्भुत योग बन रहे हैं. इस साल षटतिला एकादशी पर चंद्रमा जल तत्व की राशि वृश्चिक में विराजमान होगा और साथ साथ चंद्र और मंगल का संबंध भी बना रहेगा.एकादशी पर  सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होंगे जिसके चलते एकादशी के स्नान और दान के कई लाभ मिलेंगे.

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षटतिला एकादशी पर करें तुलसी माता के नाम के जाप से पूरे होंगे मनोरथ  (Tulsi Mata Name Jaap on Shattila Ekadashi)

मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के समय तुलसी माता की पूजा भी की जाती है. जो जातक एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करता है और शाम के वक्त तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाता है, उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. षटतिला एकादशी पर तुलसी माता के 108 मंत्रों का जाप भी किया जाता है. मान्यता है कि एकदशी तिथि पर तुलसी माता के 108 नाम का जाप करने पर भगवान विष्णु अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं. ऐसे जातक के घर और परिवार में हमेशा सुख शांति बनी रहती है और दांपत्य जीवन खुशहाल होता है. इसके साथ साथ जातक के यश और वैभव में हमेशा बढ़ोतरी होती रहती है. तुलसी माता के 108 नाम इस प्रकार हैं -

1.ॐ श्री तुलस्यै नमः।
2.ॐ नन्दिन्यै नमः।
3.ॐ देव्यै नमः।
4.ॐ शिखिन्यै नमः।
5.ॐ धारिण्यै नमः।
6.ॐ धात्र्यै नमः।
7.ॐ सावित्र्यै नमः।
8.ॐ सत्यसन्धायै नमः।
9.ॐ कालहारिण्यै नमः।
10.ॐ गौर्यै नमः।
11.ॐ देवगीतायै नमः।
12.ॐ द्रवीयस्यै नमः।
13.ॐ पद्मिन्यै नमः।
14.ॐ सीतायै नमः।
15.ॐ रुक्मिण्यै नमः।
16.ॐ प्रियभूषणायै नमः।
17.ॐ श्रेयस्यै नमः।
18.ॐ श्रीमत्यै
19.ॐ मान्यायै नमः।
20.ॐ गौर्यै नमः।
21.ॐ गौतमार्चितायै नमः।
22.ॐ त्रेतायै नमः।
23.ॐ त्रिपथगायै नमः।
24.ॐ त्रिपादायै नमः।
25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।
26.ॐ जगत्रयायै नमः।
27.ॐ त्रासिन्यै नमः।
28.ॐ गात्रायै नमः।
29.ॐ गात्रियायै नमः।
30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः।
31.ॐ शोभनायै नमः।
32.ॐ समायै नमः।
33.ॐ द्विरदायै नमः।
34.ॐ आराद्यै नमः।
35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः।
36.ॐ महाविद्यायै नमः।
37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
38.ॐ कामाक्ष्यै नमः।
39.ॐ कुलायै नमः।
40.ॐ श्रीयै नमः।
41.ॐ भूम्यै नमः।
42.ॐ भवित्र्यै नमः।
43.ॐ सावित्र्यै नमः।
44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः।
45.ॐ शंखिन्यै नमः।
46.ॐ चक्रिण्यै नमः।
47.ॐ चारिण्यै नमः।
48.ॐ चपलेक्षणायै नमः।
49.ॐ पीताम्बरायै नमः।
50.ॐ प्रोत सोमायै नमः।
51.ॐ सौरसायै नमः।
52.ॐ अक्षिण्यै नमः।
53.ॐ अम्बायै नमः।
54.ॐ सरस्वत्यै नमः।
55.ॐ सम्श्रयायै नमः।
56.ॐ सर्व देवत्यै नमः।
57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः।
58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः।
59.ॐ सुवासनायै नमः।
60.ॐ वरदायै नमः।
61.ॐ सुश्रोण्यै नमः।
62.ॐ चन्द्रभागायै नमः।
63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः।
64.ॐ कावेर्यै नमः।
65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः।
66.ॐ अर्चिन्यै नमः।
67.ॐ स्थायिन्यै नमः।
68.ॐ दानप्रदायै नमः।
69.ॐ धनवत्यै नमः।
70.ॐ सोच्यमानसायै नमः।
71.ॐ शुचिन्यै नमः।
72.ॐ श्रेयस्यै नमः।
73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।
74.ॐ विभूत्यै नमः।
75.ॐ आकृत्यै नमः।
76.ॐ आविर्भूत्यै नमः।
77.ॐ प्रभाविन्यै नमः।
78.ॐ गन्धिन्यै नमः।
79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः।
80.ॐ गदायै नमः।
81.ॐ वेद्यायै नमः।
82.ॐ प्रभायै नमः।
83.ॐ सारस्यै नमः।
84.ॐ सरसिवासायै नमः।
85.ॐ सरस्वत्यै नमः।
86.ॐ शरावत्यै नमः।
87.ॐ रसिन्यै नमः।
88.ॐ काळिन्यै नमः।
89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः।
90.ॐ यामायै नमः।
91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।
92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।
93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।
94.ॐ शमनिधिन्यै नमः।
95.ॐ शतानन्दायै नमः।
96.ॐ शतद्युतये नमः।
97.ॐ शितिकण्ठायै नमः।
98.ॐ प्रयायै नमः।
99.ॐ धात्र्यै नमः।
100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।
101.ॐ कृष्णायै नमः।
102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः।
103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।
104.ॐ हरायै नमः।
105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।
106.ॐ भूम्यै नमः।
107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।
108.ॐ श्री तुलस्यै नमः।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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