मौत की डोर चाइनीज मांझा... जानिए ये कितना खतरनाक? फिर भी धड़ल्ले से कैसे बिक रहा

चाइनीज मांझा पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है. इसे खरीदने और बेचने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

जनवरी 14, 2025 - 07:31
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मौत की डोर चाइनीज मांझा... जानिए ये कितना खतरनाक? फिर भी धड़ल्ले से कैसे बिक रहा

हर साल 14-15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है. आसमान पर उड़ती रंग-बिरगी पतंगें जहां खुशियां देती हैं. वही, इस पतंग की डोर किसी की मौत की वजह भी बन जाती है. हर साल मकर संक्रांति के आस-पास चाइनीज मांझे से मौत की घटनाएं सामने आती हैं. प्रशासन की सख्ती के बावजूद प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का इस्तेमाल जारी है. आइए समझते हैं आखिर चाइनीज मांझा क्या है? ये इतना खतरनाक कैसे? भारत में चाइनीज मांझे को लेकर क्या है प्रतिबंध:-

क्या है चाइनीज मांझा?
पतंग उड़ाने के लिए ज्यादातर चाइनीज मांझे का इस्तेमाल होने लगा है. ये प्लास्टिक और धातु के मिश्रण से बना होता है. चाइनीज मांझा सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है. ये इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिसका मतलब ये है कि चाइनीज मांझे में करंट आने का खतरा रहता है. ये मांझा आसानी से टूटता भी नहीं है. यही कारण है कि इसमें फंसने के बाद कई पक्षी और इंसानों की मौत तक हो जाती है. करीब दशक भर पहले तक चाइनीज मांझा नेपाल के रास्ते भारतीय बाजार में आता था. उसपर प्रतिबंध तो लग गया, लेकिन शहर-शहर इसकी फैक्ट्री खुल गई. 

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कैसे तैयार होता है ये मांझा?
चाइनीज मांझे को कुछ लोग प्लास्टिक का मांझा भी कहते हैं. चाइनीज मांझा दूसरे मांझों की तरह धागों से तैयार नहीं किया जाता. इसे नायलॉन और मैटेलिक पाउडर से बनाया जाता है. इसमें एल्युमिनियम ऑक्साइड और लेड मिलाया जाता है. इसके बाद इस मांझे पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिस वजह से ये मांझा और भी घातक हो जाता है. ये मांझा प्लास्टिक की तरह लगता है और स्ट्रेचेबल होता है. जब हम इस मांझे को खींचते हैं, तो ये टूटने की बजाय और बड़ा हो जाता है. जब इस मांझे से पतंग उड़ाई जाती है, तो इसमें कुछ अलग कंपन पैदा होता है.  

भारत में चाइनीज मांझे पर क्या है बैन?
चाइनीज मांझा पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है. इसे खरीदने और बेचने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 188 के तहत 6 महीने तक की सजा या जुर्माना हो सकता है. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत 50,000 रुपये तक का जुर्माना और 5 साल की सजा का प्रावधान है. जिला प्रशासन और पुलिस चीनी मांझा बेचने वालों पर छापेमारी करती है. पकड़े जाने पर तुरंत गिरफ्तार भी किया जा सकता है. इसके बाद भी चाइनीज मांझे का इस्तेमाल जारी है.

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कहां-कहां बैन है चाइनीज मांझा?
दिल्ली में साल 2017 से ही चाइनीज मांझे पर बैन है. इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश 
जैसे राज्यों में भी पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत चाइनीज मांझे की बिक्री और इस्तेमाल दोनों पर बैन है.
दिल्ली हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT ने अलग-अलग समय में साफ कहा है कि पतंगबाज केवल कॉटन के धागे से ही पतंग उड़ा सकते हैं. बावजूद इसके दुकानदार चाइनीज मांझे की बिक्री करते हैं...और हादसे भी होते रहते हैं.

फिर भी कैसे होती है बिक्री?
दिल्ली के कॉलोनियों में मांझा की अवैध बिक्री धड़ल्ले से हो रही है.  खासकर वो जगह जो मुख्य दिल्ली से दूर और अवैध इलाके हैं. चाइनीज मांझे की डिमांड ज्यादा है. उस पर बचत भी अधिक होती है. ये मांझा 200 से 1000 रुपये तक आसानी से बिक जाता है. कई बार तो इस मांझे के लिए कस्टमर 300 के बजाय 800 से 1000 रुपये तक देने को राजी हो जाते हैं. 

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चाइनीज मांझे से होते हैं कैसे हादसे?
-मध्य प्रदेश के बैतूल में चाइनीज मांझे की चपेट में आकर एक डॉक्टर की नाक कट गई. उनकी नाक पर 10 टांके लगाने पड़े.
-मध्य प्रदेश के ही धार में चाइनीज मांझा में फंसकर एक युवक का गला कट गया. किसी तरीके से उसकी जान बच पाई है.
-राजस्थान के चूरू में चाइनीज मांझे की वजह से एक बाइक सवार का गला कट गया. ये तीनों हादसे बीते 24 घंटे के अंदर हुए.
-दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में कांस्टेबल शाहरुख ड्यूटी पर थे. मोटरसाइकिल से जा रहे थे. तभी गले में मांझा फंस गया. वह वहीं गिर गए. तड़प-तड़कर उनकी मौत हो गई.
-जनवरी 2024 में हैदराबाद में ड्यूटी पर जा रहा सेना का एक जवान चाइनीज मांझे की चपेट में आया. उनकी मोटरसाइकिल गिर गई. जवान की मौके पर ही मौत हो गई.
-इसी तरह दिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश के धार में पिता के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहे बच्चे की चाइनीज मांझे की चपेट में आकर मौत हो गई. पतंग का मांझा बच्चे की गर्दन में फंस गया था.
-जुलाई 2022 में ऐसा ही एक हादसा दिल्ली में हुआ. हैदरपुर फ्लाईओवर पर 30 साल के एक युवक की मौत हो गई. वो मोटरसाइकिल से घर जा रहा था. चाइनीज मांझे से उसका गला कट गया.
-चाइनीज मांझे से इंसानों से ज्यादा खतरा परिंदों को है. पक्षियों का तो काम ही उड़ना है, लेकिन चाइनीज मांझा इतना खतरनाक है कि पक्षी तक उससे सुरक्षित नहीं हैं. 

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चाइनीज मांझे से बचने के लिए कौन सी सावधानियां जरूरी?
-बाइक सवार लोगों को हेलमेट पहनने और चेहरे को पूरी तरह से कवर करने की सलाह दी जाती है.
-बाइकर्स को एंटी-चाइनीज मांझा गार्ड लगाना चाहिए.
- बच्चों को भी चाइनीज मांझा ना छूने से बचाने की सलाह दें.  
-पैदल चलते समय सतर्क रहना चाहिए और गर्दन को स्कार्फ से ढकना चाहिए. अक्सर इस मांझे से इंसान का गला ही कटता है. 

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