एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर बताया है कि उन्हें चिकनगुनिया हो गया था। अब इससे रिकवरी के लिए वह जिम में वर्कआउट कर रही हैं। उन्होंने लिखा है कि जोड़ों में दर्द अभी भी हो रहा है। चिकनगुनिया एक वायरस है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। ज्यादातर लोगों में मच्छर काटने के तीन से सात दिनों के भीतर इसके लक्षण विकसित हो जाते हैं। इसमें आमतौर पर बुखार और जोड़ों में दर्द होता है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक साल 2024 में 30 नवंबर तक पूरी दुनिया में चिकनगुनिया के 4 लाख 80 हजार मामले दर्ज किए गए। भारत में साल 2024 में 12 हजार 500 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज चिकनगुनिया की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- 1963 में भारत में पहली बार मिला चिकनगुनिया का मामला लगभग 60 साल पहले 1963 में भारत में चिकनगुनिया का पहला केस सामने आया था। हालांकि यह पहली बार चिंता का विषय साल 2006 में बना, जब देश में अचानक इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे। इसमें पीठ में बहुत दर्द होता है। इसलिए इसे बैक ब्रेकिंग फीवर (Back Breaking Fever) के नाम से भी जाना जाता है। क्या है चिकनगुनिया चिकनगुनिया एक वायरस है, जो मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है। इसके लिए एडीज एजिप्टी मच्छर और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर जिम्मेदार हैं। इस बीमारी से ज्यादातर लोग लगभग एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को जोड़ों में जिंदगी भर दर्द बना रहता है। चिकनगुनिया के लक्षण क्या होते हैं चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के तीन से सात दिनों के बीच विकसित होते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में मच्छर के काटने के दो दिन बाद या 12 दिन बाद तक लक्षण दिखाई देते हैं। बुखार और जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया वायरस का सबसे आम लक्षण है। बहुत से लोगों को जोड़ों में असहनीय दर्द महसूस होता है। इसके और क्या लक्षण हैं, ग्राफिक में देखिए: चिकनगुनिया से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: चिकनगुनिया का पता कैसे लगाया जाता है? जवाब: अगर किसी व्यक्ति में चिकनगुनिया के लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। वे चिकनगुनिया डाइग्नोज करने के लिए ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। शरीर में यह वायरस है या नहीं, इससे कन्फर्म करने का एकमात्र तरीका खून की जांच करना ही है। सवाल: चिकनगुनिया का इलाज क्या है? जवाब: चिकनगुनिया के इलाज के लिए अभी तक कोई दवा नहीं बनी है। इसके ट्रीटमेंट में पेशेंट के लक्षणों को मैनेज करने की कोशिश की जाती है। इसके अलावा पेशेंट को इस दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए: ज्यादातर लोग लक्षण दिखने के एक हफ्ते के भीतर ठीक हो जाते हैं। इसमें अच्छी बात ये है कि जिन लोगों को एक बार चिकनगुनिया हुआ है, उन्हें दोबारा इस वायरस के संक्रमण की संभावना लगभग न के बराबर होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। सवाल: चिकनगुनिया कैसे फैलता है? जवाब: इस वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने पर लोगों को चिकनगुनिया हो जाता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। हालांकि, किसी संक्रमित व्यक्ति को काटने पर मच्छर वायरस से संक्रमित हो जाता है। इसलिए अगर किसी को संक्रमण है तो वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए मच्छर के काटने से बचें। सवाल: चिकनगुनिया से बचाव के लिए क्या उपाय कर सकते हैं? जवाब: घर में या घर के आसपास कहीं भी पानी न जमा होने दें। चूंकि एडीज मच्छर बहुत दूर तक उड़कर नहीं जा सकता है तो इससे काफी हद तक बचाव हो सकता है। इसके अलावा चिकनगुनिया के जोखिम वाले क्षेत्रों में ट्रैवल करने से बचें। अगर ऐसी जगह पर जाना जरूरी है तो पूरे बाजू के कपड़े पहनें और वहां रात में मच्छरदानी में सोएं। सवाल: क्या चिकनगुनिया की वैक्सीन उपलब्ध है? जवाब: हां, चिकनगुनिया से बचाव के लिए वैक्सीन भी लगवा सकते हैं। साल 2023 के अंत में अमेरिकन फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने चिकनगुनिया के लिए ‘IXCHIQ’ नाम की एक वैक्सीन को मंजूरी दी है। इस वैक्सीन को 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए मंजूरी दी गई है। इसलिए बच्चों के मामले में अभी तक सावधानी बरतना ही बचाव का मुख्य उपाय है। सवाल: चिकनगुनिया की वैक्सीन कितनी कारगर है? जवाब: सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, चिकनगुनिया के लिए बनी IXCHIQ नाम की वैक्सीन 96% से अधिक मामलों में 6 महीने या इससे ज्यादा समय तक कारगर है। कुछ मामलों में देखा गया है कि यह 2 साल से ज्यादा समय तक चिकनगुनिया से बचाव कर सकती है। सवाल: चिकनगुनिया होने पर जोड़ों में दर्द क्यों होता है? जवाब: चिकनगुनिया वायरस का संक्रमण होने पर हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम इन्हें नष्ट करने की कोशिश करता है। इस दौरान हमारे शरीर की अपनी सेल्स भी इम्यून सिस्टम के हमले का शिकार बन जाती हैं। इसके कारण टिश्यूज भी नष्ट हो जाते हैं और सूजन हो जाती है। इसके अलावा चिकनगुनिया वायरस भी ऐसे टॉक्सिन्स पैदा करता है जो जिसके कारण जोड़ों में सूजन हो जाती है। यही कारण है कि चिकनगुनिया होने पर जोड़ों में दर्द होता है। सवाल: चिकनगुनिया होने पर क्या करना चाहिए? जवाब: चिकनगुनिया के इलाज के लिए कोई दवा नहीं है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के मुताबिक, दवाएं लेने के साथ आराम करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। कुछ आराम मिलते ही हल्की-फुल्की एक्सरसाइज शुरू कर देनी चाहिए। सवाल: क्या चिकनगुनिया और डेंगू एक ही चीज हैं? जवाब: नहीं, ये दोनों अलग-अलग वायरस हैं। हालांकि, इन दोनों वायरस को इंसानों में फैलाने के लिए एक ही प्रजाति के मच्छर जिम्मेदार है। डेंगू के लक्षण काफी हद तक चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं। हालांकि, डेंगू में आमतौर पर जोड़ों में दर्द और पीठ दर्द की समस्या नहीं होती है। सवाल: क्या चिकनगुनिया संक्रामक बीमारी है? जवाब: नहीं, चिकनगुनिया सिर्फ मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। यह बीमार व्यक्ति की लार से, छींकने से या खांसने से दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचा सकता है। यह वायरस तभी फैलता है, जब मच्छर खुद वायरस से संक्रमित होता है। सवाल: चिकनगुनिया होने पर क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं? जवाब: वायरस का सबसे आम कॉम्प्लिकेशन क्रॉनिक जॉइंट्स पेन है। कुछ लोगों को चिकनगुनिया संक्रमण के बाद महीनों या वर्षों तक दर्द की शिकायत बनी रहती है। नवजात शिशुओं को और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इन हेल्थ कंडीशंस में चिकनगुनिया के संक्रमण के कारण मुश्किलें बढ़ सकती हैं: वायरस के कारण मौत बहुत रेयर मामलों में होती है। कुछ मामलों में वायरस से उबरने के बाद लोगों को हार्ट, आंख या न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की शिकायत हो सकती है।
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