सेहतनामा- एक साल में दोगुने से ज्यादा हुए डेंगू केस:भारत में गर्मी बढ़ने से बढ़ रहा खतरा, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में डेंगू के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है। यहां 2023 में डेंगू के कुल 41 लाख केस सामने आए थे, वहीं 2024 में ये बढ़कर 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा हो गए। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, साल 2024 में पूरी दुनिया में 1.4 करोड़ से ज्यादा डेंगू के मामले दर्ज किए गए और इनमें से 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हालांकि, पूरी दुनिया में डेंगू केसेज की असल संख्या रजिस्टर हुए केसेज की संख्या से कहीं ज्यादा है, क्योंकि बहुत से लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाते। अनुमान है कि पूरी दुनिया में हर साल लगभग 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। साइंस जर्नल ‘नेचर’ में पब्लिश फिलीपींस और प्यूर्तो रिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेम्प्रेचर बढ़ने से डेंगू के मामले भी बढ़ते हैं। वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, पिछले 10-15 वर्षों में भारत के तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि भारत में भी डेंगू का जोखिम बढ़ रहा है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज डेंगू की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- भारत में 1 लाख 86 हजार डेंगू केस राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (NCVBDC) के मुताबिक, भारत में साल 2024 में 31 अक्टूबर तक डेंगू के कुल 1 लाख 86 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए। जबकि, इनमें से 160 लोगों की मौत हो गई। भारत में बीते कुछ साल में डेंगू के मामले बढ़े हैं। हालांकि, साल 2020 में बहुत कम केस दर्ज हुए। इसकी वजह ये है कि भारत में उस समय कोविड का प्रकोप था। इस दौरान ज्यादातर बीमारियों के मामले कम दर्ज हुए। ग्राफिक में देखिए- डेंगू क्या है? डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो डेंगू वायरस के कारण होता है। यह संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। बता रहे हैं जनरल फिजिशियन डॉ. अंकित पटेल- डेंगू के क्या लक्षण हैं? डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3-10 दिन बाद दिखते हैं। इसमें सबसे पहले सिरदर्द के साथ तेज बुखार होता है। डेंगू के बुखार को ब्रेक बोन फीवर भी कहते हैं क्योंकि इसमें बुखार के साथ मसल्स, सिर और जोड़ों में तेज दर्द होता है। बुखार के साथ शरीर में लाल रंग के चकत्ते इसका बड़ा संकेत है। सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए- डेंगू कैसे फैलता है? डेंगू वेक्टर बोन डिजीज है। इसे फैलाने वाले एडीस मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव रहते हैं। उसमें भी खासतौर पर सुबह और शाम को ज्यादा सक्रिय होते हैं। अगर कोई व्यक्ति डेंगू से संक्रमित है और एडीस मच्छर उसे काटता है तो यह मच्छर संक्रमित हो जाता है। फिर यह संक्रमित मच्छर जब किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। डेंगू का इलाज क्या है? डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है। इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसके ट्रीटमेंट में बुखार और दर्द के लक्षण कम करने के लिए दवा दी जाती है और देखभाल की जाती है। इससे ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। डॉ. अंकित पटेल कहते हैं कि कुछ मामलों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसे सीवियर डेंगू कहते हैं। इसे मेडिसिन की भाषा में डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) या डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) भी कहा जाता है। इसमें प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या बहुत कम हो जाती है। साथ ही नाक से, मसूड़ों से या मल से खून आ सकता है। ऐसी कंडीशन में समय पर इलाज न मिलने पर पेशेंट की मौत भी हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर पेशेंट को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाएं। डेंगू से कैसे बचें? भारत में आमतौर पर मानसून के दौरान डेंगू के मामले बढ़ते हैं। हालांकि, गर्मियों में कूलर में भरे पानी में भी एडीस मच्छर पनप सकते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए समय-समय पर कूलर का पानी बदलते रहें। इसके अलावा घर के आसपास गमलों, बाल्टियों, पुराने टायरों या छत के कोनों में पानी जमा न होने दें। इसके अलावा सोने से पहले मच्छरदानी जरूर इस्तेमाल करें। सभी उपाय ग्राफिक में देखिए- डेंगू से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? जवाब: नहीं, डेंगू का इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। यह संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से ही फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या छूने से डेंगू नहीं फैलता है। सवाल: डेंगू की कोई दवा नहीं है तो इलाज में किन बातों का ध्यान रखें? जवाब: डेंगू वायरस के लिए कोई खास दवा नहीं है। इसलिए बुखार और मसल्स का दर्द कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। हालांकि, इसके कुछ मामलों में लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। डेंगू के इलाज के दौरान प्लेटलेट्स की नियमित मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है क्योंकि डेंगू बुखार होने पर ब्लड में प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। प्लेटलेट्स की संख्या 40 हजार से कम होना खतरे का संकेत है। बहुत कम होने पर ब्लीडिंग शुरू हो सकती है और पेशेंट की मौत हो सकती है। डेंगू के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर दिन में दो बार प्लेटलेट्स काउंट चेक किया जाता है। इनकी संख्या 40 हजार से कम होने पर तुरंत प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं। इसलिए अगर कोई डेंगू के लिए अस्पताल में भर्ती है तो ब्लड डोनर्स का एडवांस में इंतजाम करके रखें। कभी भी इसकी जरूरत पड़ सकती है। सवाल: डेंगू का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं? जवाब: आमतौर पर डेंगू संक्रमण की पुष्टि के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करते हैं। संक्रमण के शुरुआती दिनों में NS1 एंटीजन या RT-PCR टेस्ट किए जाते हैं। अगर संक्रमण हुए 5 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं तो IgM और IgG एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। इसमें यह पता लगाया जाता है कि डेंगू वायरस के संक्रमण से इम्यून सिस्टम को कितना नुकसान हुआ है। इसके अलावा CBC टेस्ट से प्लेटलेट्स काउंट भी पता किया जाता है। सवाल: डेंगू के दौरान क्या खाने से जल्दी रिकवरी होती है? जवाब: डेंगू होने पर नारियल पानी, मौसमी फल, सूप

फ़रवरी 26, 2025 - 22:20
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सेहतनामा- एक साल में दोगुने से ज्यादा हुए डेंगू केस:भारत में गर्मी बढ़ने से बढ़ रहा खतरा, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में डेंगू के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है। यहां 2023 में डेंगू के कुल 41 लाख केस सामने आए थे, वहीं 2024 में ये बढ़कर 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा हो गए। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, साल 2024 में पूरी दुनिया में 1.4 करोड़ से ज्यादा डेंगू के मामले दर्ज किए गए और इनमें से 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हालांकि, पूरी दुनिया में डेंगू केसेज की असल संख्या रजिस्टर हुए केसेज की संख्या से कहीं ज्यादा है, क्योंकि बहुत से लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाते। अनुमान है कि पूरी दुनिया में हर साल लगभग 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। साइंस जर्नल ‘नेचर’ में पब्लिश फिलीपींस और प्यूर्तो रिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेम्प्रेचर बढ़ने से डेंगू के मामले भी बढ़ते हैं। वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, पिछले 10-15 वर्षों में भारत के तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि भारत में भी डेंगू का जोखिम बढ़ रहा है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज डेंगू की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- भारत में 1 लाख 86 हजार डेंगू केस राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (NCVBDC) के मुताबिक, भारत में साल 2024 में 31 अक्टूबर तक डेंगू के कुल 1 लाख 86 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए। जबकि, इनमें से 160 लोगों की मौत हो गई। भारत में बीते कुछ साल में डेंगू के मामले बढ़े हैं। हालांकि, साल 2020 में बहुत कम केस दर्ज हुए। इसकी वजह ये है कि भारत में उस समय कोविड का प्रकोप था। इस दौरान ज्यादातर बीमारियों के मामले कम दर्ज हुए। ग्राफिक में देखिए- डेंगू क्या है? डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो डेंगू वायरस के कारण होता है। यह संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। बता रहे हैं जनरल फिजिशियन डॉ. अंकित पटेल- डेंगू के क्या लक्षण हैं? डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3-10 दिन बाद दिखते हैं। इसमें सबसे पहले सिरदर्द के साथ तेज बुखार होता है। डेंगू के बुखार को ब्रेक बोन फीवर भी कहते हैं क्योंकि इसमें बुखार के साथ मसल्स, सिर और जोड़ों में तेज दर्द होता है। बुखार के साथ शरीर में लाल रंग के चकत्ते इसका बड़ा संकेत है। सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए- डेंगू कैसे फैलता है? डेंगू वेक्टर बोन डिजीज है। इसे फैलाने वाले एडीस मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव रहते हैं। उसमें भी खासतौर पर सुबह और शाम को ज्यादा सक्रिय होते हैं। अगर कोई व्यक्ति डेंगू से संक्रमित है और एडीस मच्छर उसे काटता है तो यह मच्छर संक्रमित हो जाता है। फिर यह संक्रमित मच्छर जब किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। डेंगू का इलाज क्या है? डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है। इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसके ट्रीटमेंट में बुखार और दर्द के लक्षण कम करने के लिए दवा दी जाती है और देखभाल की जाती है। इससे ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। डॉ. अंकित पटेल कहते हैं कि कुछ मामलों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसे सीवियर डेंगू कहते हैं। इसे मेडिसिन की भाषा में डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) या डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) भी कहा जाता है। इसमें प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या बहुत कम हो जाती है। साथ ही नाक से, मसूड़ों से या मल से खून आ सकता है। ऐसी कंडीशन में समय पर इलाज न मिलने पर पेशेंट की मौत भी हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर पेशेंट को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाएं। डेंगू से कैसे बचें? भारत में आमतौर पर मानसून के दौरान डेंगू के मामले बढ़ते हैं। हालांकि, गर्मियों में कूलर में भरे पानी में भी एडीस मच्छर पनप सकते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए समय-समय पर कूलर का पानी बदलते रहें। इसके अलावा घर के आसपास गमलों, बाल्टियों, पुराने टायरों या छत के कोनों में पानी जमा न होने दें। इसके अलावा सोने से पहले मच्छरदानी जरूर इस्तेमाल करें। सभी उपाय ग्राफिक में देखिए- डेंगू से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? जवाब: नहीं, डेंगू का इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। यह संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से ही फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या छूने से डेंगू नहीं फैलता है। सवाल: डेंगू की कोई दवा नहीं है तो इलाज में किन बातों का ध्यान रखें? जवाब: डेंगू वायरस के लिए कोई खास दवा नहीं है। इसलिए बुखार और मसल्स का दर्द कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। हालांकि, इसके कुछ मामलों में लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। डेंगू के इलाज के दौरान प्लेटलेट्स की नियमित मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है क्योंकि डेंगू बुखार होने पर ब्लड में प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। प्लेटलेट्स की संख्या 40 हजार से कम होना खतरे का संकेत है। बहुत कम होने पर ब्लीडिंग शुरू हो सकती है और पेशेंट की मौत हो सकती है। डेंगू के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर दिन में दो बार प्लेटलेट्स काउंट चेक किया जाता है। इनकी संख्या 40 हजार से कम होने पर तुरंत प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं। इसलिए अगर कोई डेंगू के लिए अस्पताल में भर्ती है तो ब्लड डोनर्स का एडवांस में इंतजाम करके रखें। कभी भी इसकी जरूरत पड़ सकती है। सवाल: डेंगू का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं? जवाब: आमतौर पर डेंगू संक्रमण की पुष्टि के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करते हैं। संक्रमण के शुरुआती दिनों में NS1 एंटीजन या RT-PCR टेस्ट किए जाते हैं। अगर संक्रमण हुए 5 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं तो IgM और IgG एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। इसमें यह पता लगाया जाता है कि डेंगू वायरस के संक्रमण से इम्यून सिस्टम को कितना नुकसान हुआ है। इसके अलावा CBC टेस्ट से प्लेटलेट्स काउंट भी पता किया जाता है। सवाल: डेंगू के दौरान क्या खाने से जल्दी रिकवरी होती है? जवाब: डेंगू होने पर नारियल पानी, मौसमी फल, सूप और हल्का भोजन प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इस दौरान संतरा, कीवी और नींबू जैसे फल खा सकते हैं। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है। पपीते की पत्तियां भी फायदेमंद होती हैं। इनमें एसिटोजेनिन होता है, जिससे तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ या लस्सी भी पी सकते हैं। इससे शरीर हाइड्रेटेड भी रहता है। ……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- तेजी से बढ़ रही सी-सेक्शन डिलीवरी: डॉक्टर से जानें, नॉर्मल डिलीवरी कैसे होगी, प्रेग्नेंसी के समय बरतें 12 सावधानियां विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, सिर्फ 10%-25% डिलीवरी के मामलों में ही सी-सेक्शन की जरूरत पड़ती है। जरूरत के बिना डिलीवरी के लिए सी-सेक्शन का विकल्प नहीं चुनना चाहिए। पूरी खबर पढ़िए...
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