फरवरी में इस दिन रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत, इन मंत्रों को पढ़कर करें भगवान शिव को प्रसन्न

Pradosh Vrat Mantra: मान्यतानुसार यदि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूरे मनोभाव से पूजा की जाए और मंत्रों का जाप किया जाए तो भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं. 

जनवरी 30, 2025 - 10:02
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फरवरी में इस दिन रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत, इन मंत्रों को पढ़कर करें भगवान शिव को प्रसन्न

Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा को विशेष माना जाता है और इसीलिए महीने में 2 प्रदोष व्रत पड़ते हैं जिनमें महादेव की पूजा की जाती है. माना जाता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) की पूरे मनोभाव से पूजा की जाए तो भक्तों को उनकी कृपा मिलती है, आरोग्य का वरदान मिलता है और जीवन में खुशहाली आती है सो अलग. ऐसे में प्रदोष व्रत की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. यहां जानिए फरवरी के महीने में पहला प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है और इस दिन भगवान पूजा के दैरान भगवान शिव के किन मंत्रों (Shiv Mantra) का जाप करने पर भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं. 

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फरवरी में कब है पहला प्रदोष व्रत | First Pradosh Vrat Of February 

पंचांग के अनुसार, फरवरी के महीने में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 9 फरवरी, रविवार की शाम 7 बजकर 25 मिनट पर हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 10 फरवरी को शाम 6 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगा. प्रदोष व्रत की पूजा (Pradosh Vrat Puja) रात के समय प्रदोष काल में की जाती है और इस चलते 9 फरवरी के दिन ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा. रविवार के दिन पड़ने के चलते इसे रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat) कहा जाता है. 

प्रदोष व्रत पर ऐसे करें महादेव को प्रसन्न 

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन पूरे मनोभाव से पूजा संपन्न की जा सकती है और पूजा का समापन शिव मंत्रों के साथ किया जा सकता है. पूजा करने के लिए सुबह स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव का स्मरण करके व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा करने के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और सभी पूजा सामग्री जैसे बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, फूल और मिठाई वगैरह भगवान शिव को अर्पित करें. इसके बाद आरती करें और मंत्रों का जाप करके पूजा संपन्न करें. 

निम्न कुछ ऐसे शिव मंत्र दिए गए हैं जिनका प्रदोष व्रत के दिन जाप किया जा सकता है - 

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।

उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

शिव गायत्री मंत्र

ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

शिव आरोग्य मंत्र

माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।

आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।

ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

श‍िव नामावली मंत्र

।। श्री शिवाय नम:।।

।। श्री शंकराय नम:।।

।। श्री महेश्वराय नम:।।

।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।

।। श्री रुद्राय नम:।।

।। ओम पार्वतीपतये नम:।।

।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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