पश्चाताप के आंसू नहीं... संन्यास के बाद ममता कुलकर्णी ने ऐसा क्यों कहा? क्या वो अब दुखी हैं

Mamta Kulkarni Exclusive Interview: ममता कुलकर्णी के पास अब भी करोड़ों की संपत्ति है. एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार उनके पास 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है. संन्यास लेने के बाद वो कैसा महसूस कर रही हैं यहां जानिए...

जनवरी 26, 2025 - 18:11
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पश्चाताप के आंसू नहीं... संन्यास के बाद ममता कुलकर्णी ने ऐसा क्यों कहा? क्या वो अब दुखी हैं

Mamta Kulkarni Exclusive Interview: अपने वक्त में बॉलीवुड की टॉप हीरोइनों में शुमार रही ममता कुलकर्णी ने संन्यास की राह पकड़ ली है. महाकुंभ 2025 में पिंडदान करके वो किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं हैं. उन्हें अब ममता नंदगिरी के नाम से जाना जाएगा. एनडीटीवी ने ममता कुलकर्णी से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा, "मुझे अब इसी वेशभूषा में रहना है. मैं महाकुंभ में इस चीज़ के लिए नहीं आई थी कि मुझे महामंडलेश्वर बनना था, लेकिन तीन दिन से चार-चार जगतगुरु ने मेरी परीक्षा ली. मुझे आध्यात्म और ध्यान के वो सब प्रश्न पूछे गए, जो एक तपस्वी दूसरे तपस्वी से पूछ सकता है. मैं उनको एक-एक करके सब प्रश्नों के जवाब देती गई तो उनको समझ में आया कि मैं जो कह रही हूं कि मैंने 23 साल तक ध्यान किया, योग किया और ब्रह्मचार्य प्राप्त किया तो मुझे महामंडलेश्वर बनाने की इन लोगों ने चेष्टा की है. जैसे एक खिलाड़ी हो, चार-पांच साल मेहनत करता है कि उसे ओलंपिक में मेडल मिल जाए तो वैसे ही मैंने तेईस साल का ध्यान, तप, वैराग्य, अष्टांग योग किया और इन सब की एक पूर्णाहुती स्वरूप है महामंडलेश्वर बनना."

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फिल्मों में वापस लौटने के सवाल पर ममता ने कहा, "मैं सच बोलूं तो मुझे बिल्कुल इंटरेस्ट नहीं है. फिल्म्स में आने का बिल्कुल इंटरेस्ट नहीं है, चाहे वो किसी कैरेक्टर को प्ले करने के लिए हो या नहीं हो. हां,अगर मुझे किसी प्रवचन के लिए, किसी धर्म या वैराग्य या भक्ति के लिए मुझे कहीं संबोधित करना पड़े तो मैं जरूर आऊंगी. मैं अपने विचार जरूर रखूंगी."

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वो कोई पश्चाताप के आंसू नहीं 

संन्यास लेते समय ममता कुलकर्णी की दर्द भरी तस्वीरों पर सवाल पूछने पर ममता ने कहा, "देखिए, काफी लोगों की इस पर प्रतिक्रिया आ रही हैं. वो कोई पश्चाताप के आंसू नहीं थे. किस चीज़ का पश्चाताप? पश्चाताप तो वो करे जिन्होंने मेरे ऊपर केस किया. वो करेंगे. मैंने कुछ किया ही नहीं तो पश्चाताप का कोई सवाल ही नहीं उठता. मैंने कोई जीवन से हार के संन्यास नहीं लिया है. मैंने 23 साल का कड़क तप किया और लोगों का ऐसा भ्रम है कि और मैंने पढ़ा कि मैं हार के जीवन से और उनको लगता है कि वो दुख के आंसू थे. कुछ लोगों को ऐसा भी लगा कि मैंने ये क्यों किया? सनातन धर्म क्यों? मैंने क्यों भगवे कपड़े धारण किए? उनको बहुत अफसोस हो रहा है कि मैंने ऐसे क्यों किया? उन्हें लग रहा है कि मैंने बहुत बड़ी गलती की, इसको चूज करके. 23 साल का तप जो इंसान करता है, उसका ये अवार्ड होता है. और मैं इन फैक्ट जब अभिषेक हो रहा था मेरे ऊपर तो मेरे सुख के आंसू निकल रहे थे. मैं भगवान को अपने बार-बार कृतज्ञ हो गई थी कि आपने मुझे ये दिया. इस चीज़ के लिए ये दिन रखा था. वो भी कल शुक्रवार था. तो साक्षात अर्ध नारेश्वर के स्वरूप ने आकर मुझे महामंडलेश्वर का न्योता दिया. तो मुझे और क्या चाहिए? फिर चार-चार जगतगुरु ने मेरी परीक्षा ली. मुझे और क्या चाहिए?"

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कैसे रहेंगी सारे सुख छोड़कर

जब ये सवाल ममता से किया गया तो उन्होंने कहा, "देखिए, भौतिक जीवन कब तक? आपको अगर भौतिक जीवन की भूख है तो वो रहेगा ही. हर चीज़ इम्पोर्टेंट है. अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष. ये चार पिलर हैं. चार स्तंभ हैं. तो जिसको जैसी मर्जी है, वैसे करे. लेकिन आध्यात्मिक जीवन नित्य होता है. आप एक बार इससे जुड़ा जाओगे, आप कुछ साल ध्यान करो ईमानदारी से, भक्ति करो ईश्वर की, गुरु की, आप देखो ऐसी-ऐसी ध्यान की अवस्थाएं आपके सामने आएंगी कि आपको ये भौतिक सुख तुच्छ लगने लगेगा और आप कहेंगे कि अरे बाप रे मैंने इतनी इतनी देर क्यों लगाई?"

appuraja9 Appu Raja is a multifaceted professional, blending the roles of science educator, motivator, influencer, and guide with expertise as a software and application developer. With a solid foundation in science education, Appu Raja also has extensive knowledge in a wide range of programming languages and technologies, including PHP, Java, Kotlin, CSS, HTML5, C, C++, Python, COBOL, JavaScript, Swift, SQL, Pascal, and Ruby. Passionate about sharing knowledge and guiding others, Appu Raja is dedicated to inspiring and empowering learners in both science and technology.