अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली मिलन समारोह की मिली इजाजत
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का NRSC हॉल 13 और 14 फ़रवरी को होली खेलने के लिए खुला रहेगा. एएमयू में क़ानून की पढ़ाई करने वाले छात्र अखिल कौशल ने सबसे पहले लिखित में कैंपस में होली खेलने की इजाज़त मांगी थी.

लंबे विवाद के बाद आखिरकार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) प्रशासन ने कैंपस में होली खेलने की इजाज़त दे दी है. एएमयू का NRSC हॉल 13 और 14 मार्च को होली खेलने के लिए खुला रहेगा. इससे पहले एएमयू प्रशासन ने ये कह कर परमिशन नहीं दी थी कि कोई नई पंरपरा शुरू नहीं की जाएगी. वहीं, स्टूडेंट का कहना था कि जब रोज़ा इफ़्तार, मोहर्रम से लेकर ओणम तक मनाई जाती है, तो फिर होली क्यों नहीं?
करणी सेना ने दस मार्च को होली मनाने की घोषणा की थी. अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कहा था- जो होली खेलने से रोकेगा उसे उप्र पहुंचा देंगे. बता दें कि एएमयू में क़ानून की पढ़ाई करने वाले छात्र अखिल कौशल ने सबसे पहले लिखित में कैंपस में होली खेलने की इजाज़त मांगी थी.
अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सतीश गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में होली मनाने संबंधी विवाद को यह कह कर और बढ़ा दिया था कि ‘कोई भी किसी को एएमयू परिसर में होली मनाने से नहीं रोक सकता.' यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू संगठनों के सदस्यों ने एएमयू प्रशासन पर हिंदू छात्रों को परिसर में ‘होली मिलन' समारोह आयोजित करने की अनुमति न देने का आरोप लगाया. गौतम ने इस विवाद को और बढ़ाते हुए कहा, ‘किसी भी जगह होली खेलने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है.'
बुधवार को कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन इसे कथित तौर पर अस्वीकार कर दिया गया. स्थानीय कांग्रेस नेता और अलीगढ़ से पूर्व विधायक विवेक बंसल ने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए एएमयू में होली मनाने को लेकर जानबूझकर विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया और इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण' बताया.
एएमयू के पूर्व छात्र बंसल ने अपना निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘हम हमेशा एएमयू में दोस्तों के साथ होली मनाते थे और मुझे इस मामले पर किसी से कोई कटुता या विरोध की बात याद नहीं आती.' बंसल ने कहा, ‘तो फिर भाजपा भड़काने की राजनीति और शांति भंग करने की कोशिश क्यों कर रही है?' उन्होंने भाजपा से तनाव बढ़ाने से बचने का आग्रह किया.
इसके पहले, बृहस्पतिवार को करणी सेना की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने संगठन के अन्य सदस्यों के साथ जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा. समूह ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने एएमयू अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने हिंदू छात्रों को कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार से जानबूझकर वंचित किया है.
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