अमेरिका और मेक्सिको में क्या है जल विवाद, क्यों फंस रहा मामला
लैटिन अमेरिका को संभालने वाले राज्य विभाग के ब्यूरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "1944 के जल-बंटवारे संधि के तहत मेक्सिको द्वारा पानी की आपूर्ति में लगातार कमी अमेरिकी कृषि को नष्ट कर रही है."

ट्रंप जबसे दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तबसे लगातार वो एक साथ कई मोर्चो पर बगावती सुर अपनाए हुए अमेरिका फर्स्ट की नीति पर काम करते नजर आ रहे हैं. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका के अपने पड़ोसी देशों से ही संबंध खटास में पड़ते हुए नज़र आ रहे हैं. कभी ट्रंप कनाडा को अमेरिका का राज्य बनाने की बात करते हुए टैरिफ लगाते हुए नज़र आते हैं तो मेक्सिको को लेकर तो उन्होंने बड़ा बदलाव करते हुए गल्फ ऑफ़ मेक्सिको को अब गल्फ ऑफ अमेरिका घोषित कर ही दिया है.
मेक्सिको से लगातर तनावपूर्ण होते संबंधों के बीच अब अमेरिका ने मेक्सिको के पानी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसके दक्षिणी पड़ोसी ने पानी के बंटवारे में कमी की है. राज्य विभाग ने कहा कि यह पहली बार है जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने पानी की विशेष आपूर्ति के लिए मेक्सिको के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, जो सीमावर्ती शहर तिजुआना को दिया जाना था.
लैटिन अमेरिका को संभालने वाले राज्य विभाग के ब्यूरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "1944 के जल-बंटवारे संधि के तहत मेक्सिको द्वारा पानी की आपूर्ति में लगातार कमी अमेरिकी कृषि को नष्ट कर रही है - विशेष रूप से रियो ग्रांडे घाटी के किसानों को." रियो ग्रांडे और कोलोराडो नदी से जल आवंटन को नियंत्रित करने वाली 1944 की संधि, जलवायु संकट और बढ़ती जनसंख्या तथा सूखे वाले क्षेत्रों में कृषि के कारण हाल के वर्षों में दबाव में आ गई है. संधि में जल आपूर्ति के लिए पांच साल की सीमा निर्धारित की गई है, जिसमें नवीनतम सीमा अक्टूबर 2025 में समाप्त होने वाली है.
संधि के तहत, मेक्सिको रियो ग्रांडे बेसिन की नदियों से पानी अमेरिका को भेजता है, जो बदले में मेक्सिको को पश्चिम में कोलोराडो नदी से पानी भेजता है. लेकिन देश के उत्तरी भाग में सूखे की स्थिति के कारण मेक्सिको अपने जल भुगतान में पिछड़ गया है. अमेरिकी किसानों और सांसदों की शिकायत है कि मेक्सिको ने अतीत में प्रत्येक साइकिल के अंत तक इंतजार किया है और नवीनतम अवधि में कम पड़ गया है.
यह संधि सीमा के दक्षिण में बहुत विवादास्पद है, जहां मेक्सिकन किसान हाल के वर्षों में सूखे से जूझ रहे हैं. एक साल पहले दक्षिणी टेक्सास में आखिरी चीनी मिल बंद हो गई थी, जिसके कारण मेक्सिको से पानी की आपूर्ति में कमी बताया गया था. 18 महीने की बातचीत के बाद, ट्रंप के चुनाव के कुछ दिनों बाद नवंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका और मेक्सिको ने आपूर्ति में सुधार के लिए एक समझौता किया. तब बाइडेन प्रशासन द्वारा इसकी सराहना की गई, इस समझौते में मेक्सिको को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर समय पर पानी की आपूर्ति करने के लिए काम करने की बात कही गई थी, जिसमें प्रत्येक पांच-वर्षीय सीमा में पहले पानी की आपूर्ति करना भी शामिल था.
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने राज्य विभाग की घोषणा से पहले गुरुवार को कहा कि जल मुद्दे को दोनों देशों के सीमा और जल आयोग के माध्यम से निपटाया जा रहा है. इसके आगे वो कहते नज़र आईं की पानी कम हो गया है. यह समस्या का एक हिस्सा है.
तिजुआना, अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य की सीमा पर एक विशाल शहर है, जो विनिर्माण का केंद्र बन गया है, अपने लगभग 90% पानी के लिए ये शहर कोलोराडो नदी पर निर्भर करता है और चरमराते बुनियादी ढांचे से ये शहर अब बर्बादी की कगार पर है.
क्या हो रहीं कोशिशें
कोलोराडो नदी, जो लॉस एंजिल्स और लास वेगास के लिए भी एक प्रमुख जल स्रोत है, दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका सूखे और भारी कृषि खपत के कारण अपने जल स्तर को कम होते हुए देख रहा है, जिसका लगभग आधा पानी गोमांस और डेयरी मवेशियों को पालने में जा रहा है. दक्षिणी टेक्सास में, किसानों ने मेक्सिको की सीमा पार से नियमित रूप से पानी की आपूर्ति के बिना कपास, खट्टे फल और अन्य कृषि उत्पादों के भविष्य के लिए चिंता व्यक्त की है.
अमेरिका के कृषि सचिव ब्रुक रोलिंस ने बुधवार को रियो ग्रांडे घाटी के किसानों के लिए 280 मिलियन डॉलर की राहत राशि की घोषणा की. टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज़ ने राज्य विभाग के जल निर्णय की प्रशंसा करते हुए एक्स पर लिखा, "मेक्सिको के गैर-अनुपालन के कारण टेक्सास के किसान संकट में हैं. मैं ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर मेक्सिको पर अनुपालन करने और टेक्सास के किसानों को पानी दिलाने के लिए दबाव डालूंगा."
ये जल विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब ट्रंप लैटिन अमेरिकी देशों के मामले में सख्त रुख अपना रहे हैं. कार्यालय में वापस आने पर ट्रंप ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के आगमन को समाप्त करने की कसम खाई है, जो मुख्य रूप से मध्य अमेरिका और वेनेजुएला से आते हैं, लेकिन मेक्सिको से होकर गुजरते हैं. ट्रंप ने सीमा पर सैनिकों को तैनात किया और मेक्सिको पर टैरिफ की घोषणा की, हालांकि उन्होंने घोषणा के बाद इसे 2 अप्रैल तक के लिए रोक दिया है.