Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ का पहला अमृत स्नान, जानें इसका धार्मिक महत्व
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ इस बार न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया है. विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और गंगा के महत्व को समझने और अनुभव करने के लिए उमड़ पड़े हैं.

Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुंभ मेला सोमवार से प्रारंभ हो गया. मेल प्रशासन के मुताबिक, सोमवार को शाम छह बजे तक 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए. मेला प्रशासन के मुताबिक, पहले स्नान पर्व के दौरान सभी घाटों और अखाड़ों पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई. उसने बताया कि उद्यान विभाग ने पुष्पवर्षा के लिए खासतौर पर गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की थी और महाकुंभ के सभी स्नान पर्वों पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने की तैयारी है.
महाकुंभ नगर भारत ही नहीं, विश्व की आस्था का केंद्र बन गया है. यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, स्पेन और इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आ रहे हैं. सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े.