Hello Boys! महीने के किस दिन कैसा होगा तुम्हारी Girlfriend का Mood, पहले पता चल जाए तो! आज जान लो ये Secret
Mood Swings in Women: लोग अक्सर ये कहते हैं कि औरतों को मूड स्विंग होते हैं. कभी वे खुश नजर आती हैं तो कभी छोटी बातों पर चिढ़ जाती हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है, और क्या इसके पीछे कोई हेल्थ कारण है, इसे ठीक करने के तरीके क्या हैं, सभी बातें विस्तार से जानें.
'तुम फिर से शुरू हो गई', क्या अक्सर आप भी अपनी गर्लफ्रेंड को ऐसा कहते हैं. और इसके बाद आप दोनों का झगड़ा हफ्ते भर चलता है और फिर अचानक वह आपको समझने लगती है और आप उसे... और फिर सब ठीक. लेकिन कुछ दिन बाद आप दोनों के बीच फिर से वही सब होता है. बतौर एक पुरुष आप समझ नहीं पा रहे हैं कि आप क्या गलत कर रहे हैं. आप अक्सर अपनी गर्लफ्रेंड से यही सवाल पूछते हैं कि 'अब आपसे क्या गलती हुई'... और यह एक लूप की तरह हो गया है...
तो माई डीयर ब्वॉयज, यहां हमारे पास है आपकी गर्लफ्रेंड का एक ऐसा सीक्रेट जो आपको, आपके रिश्ते को इस लूप से बाहर निकलने में मदद कर सकता है. यह एक मजेदार और मनोरंजक टिप्स हो सकता है जो महीने के अलग-अलग दिनों में गर्लफ्रेंड के मूड को समझने में मदद कर सकता है. यहां कुछ मजेदार और मनोरंजक बातें हो सकती हैं:
Mood swing in women: पहले तो यह समझें कि महिलाओं को मूड स्विंग (Mood Swings) होना आम बात है. अक्सर आप लोगों को कहते सुनेंगे कि महिला अचानक नाराज हो गई, या बिना कारण ही आज उसका मूड बहुत अच्छा है. कभी किसी महिला को बेवजह रोते देखेंगे तो कभी उसे एंग्जाइटी भी हो सकती है. ऐसा अमूमन सभी महिलाओं के साथ होता है और इसकी वजह होती है पीरियड्स के दौरान शरीर में होने वाले बदलाव. डॉक्टर्स कहते हैं कि हर पीरियड साइकिल में महिला के शरीर में कई हार्मोनल चेंज होते हैं. जिससे उसकी मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है और मूड बदलते रहते हैं.
पीरियड्स साइकिल में मेंटल हेल्थ
महिलाओं को पीरियड साइकिल के कारण और गर्भावस्था के कारण मूड स्विंग होते हैं. ज्यादातर महिलाओं का पीरियड साइकल 28 दिन का होता है. मासिक धर्म कितने दिन चलेगा, ये हर महिला के शरीर पर निर्भर करता है. मासिक धर्म शुरू होने से 14 दिन पहले ओव्यूलेशन का समय होता है. इसी समय में शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और मूड स्विंग होते हैं. इसके अलावा मेनोपॉज होने पर भी मूड स्विंग होते देखे गए हैं.
महीने के किस दिन कैसा होगा तुम्हारी Girlfriend का Mood | Menstrual cycle phases and moods
लड़कियों और महिलाओं के मूड स्विंग होते हैं. ये रियल होता है और लड़कियां इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, क्योंकि ये सब होता है उनके हार्मोंस की वजह से. उनके महीने के पहले 5 दिन दर्द में निकल जाते हैं, जब पीरियड्स शुरू होते हैं. ये टाइम होता है उनके लिए आराम करने का.
महीने के पहले पांच दिन : जब पीरियड्स शुरू होते हैं तो शुरुआत के 5 दिन दर्द में निकलते हैं. इस दौरान गर्लफ्रेंड का मूड थोड़ा चिड़चिड़ा हो सकता है, इसलिए उन्हें आराम देने और उनकी बात सुनने का प्रयास करें.
महीने के 6 से 14वें दिन तक : 6 से 14वें दिन तक होता है फॉलिक्यूलर फेज. इस फेस में इस्ट्रोजन और सेराटोनिन हार्मोन लेवल बढ़ जाते हैं. तो वो इस दौरान खुश, पॉजिटिव, एर्जेटिक, अच्छे मूड में रहती हैं.
महीने के 14वें दिन : फिर आता है 14वां दिन यानी ओवेल्युशन डे. इस दिन आपकी गर्लफ्रेंड का इस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन होर्मोन हाइएस्ट लेवल पर होता है. इस दौरान महिलाएं कुछ भी करने के लिए तैयार हो सकती हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा कुछ नहीं जो वो नहीं कर सकती. वे खुद को एक रानी की तरह समझती हैं. इस दिन पर इस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन होर्मोन अपने उच्चतम स्तर पर होता है. इस दिन महिलाएं बेहद ऊर्जावान होती हैं, उन्हें लगता है कि वे कुछ भी कर सकती हैं. वो बॉस लेडी हैं, सब कुछ संभाल सकती हैं. पीरियड्स रुकने के छठे से चौदहवें दिन तक के समय को फॉलिक्यूलर फेज. इस दौरान होने वाले होमोंनल बदलाव उन्हें खुश, एर्जेटिक और अच्छे मूड में रखते हैं.
15वें दिन से शुरू होता है कहानी का क्लाइमेकस: 15वें से 21वें दिन तक इस्ट्रोजन कम होना शुरू हो जाता है और प्रोजेस्टेरोन बढ़ना शुरू हो जाता है. 15वें से 21वें दिन तक इस्ट्रोजन हार्मोन कम होना शुरू हो जाता है और प्रोजेस्टेरोन बढ़ना शुरू हो जाता है. इस फेस में महिलाएं थकान और उदासी महसूस कर सकती हैं. उनके एनर्जी लेवल इस दौरान डाउन होते हैं लेकिन अभी तक उनके मूड स्विंग्स बहुत ज्यादा खराब नहीं होते. इस फेस में महिलाएं थकान और उदासी महसूस कर सकती हैं. उनके एनर्जी लेवल इस दौरान डाउन होते हैं लेकिन अभी तक उनके मूड स्विंग्स बहुत विकराल रूप नहीं लेते.
असली खेल शुरू होता है अब : 22वें दिन से 28वें दिन के बीच आपको काफी कुछ देखने को मिल सकता है. 22वें दिन से 28वें दिन के बीच शुरू होता है प्री मेंस्ट्रुएल स्टॉर्म. इस फेज में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, सेरोटोनन लो होते हैं. महिलाओं को बेचैनी होती है, गुस्सा आता है. उन्हें ब्लोटिंग होती है, उनकी एनर्जी काफी कम होती है. यह उनके लिए महीने के सबसे खराब दिन होते हैं. इसके लिए तैयार रहें. इस फेज मेंएस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन लो होते हैं वे बेचैन, गुस्सैल, थकी हुईं हो सकती हैं. इस दौरान उनमें एग्जाएटी भी दिखती है.
डॉक्टर ने दी काम की सलाह- हर पुरुष सुने इसे
डॉक्टर सिद्धांत भार्गव ने भी इस विषय पर एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. उन्होंने बताया है कि महिलाओं को पीरियड्स की वजह से किस तरह से मूड स्विंग होते हैं और इसे नॉर्मल करने में उनके पार्टनर उनकी मदद कर सकते हैं.
देखें डॉक्टर का वीडियो-
मूड स्विंग से कैसे बचें
डॉक्टर बताते हैं कि मूड स्विंग से बचने के लिए महिलाएं इन आदतों को डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं तो मदद मिल सकती है-
- रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें. शरीर को पर्याप्त नींद मिलना बहुत जरूरी है. खास तौर पर बढ़ती उम्र की महिलाओं को.
- ऑफिस और घर के काम में व्यस्त महिलाएं अक्सर अपने लिए समय नहीं निकाल पातीं और व्यायाम नहीं करतीं. व्यायाम से न केवल शरीर ठीक रहता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह बहुत आवश्यक है.
- अगर व्यायाम नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन वॉक जरूर करें. एरोबिक्स या योगासन करें.
- खानपान में संतुलन बनाए रखें. पौष्टिक भोजन को तरजीह दें. ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर आदि से भरपूर भोजन का सेवन करें.
- भरपूर पानी पीएं. इससे शरीर हाइड्रेट रहता है. पाचन क्रिया ठीक रहती है.
- मेंटल हेल्थ ठीक रखने के लिए दोस्तों, परिवार संग समय बिताएं. अपने पसंदीदा काम करें. हॉबीज के लिए समय निकालें.