बाड़ से क्यों बिलबिला रहा बांग्लादेश, JNU के एक्सपर्ट से समझिए

भारत और बांग्लादेश 4156 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं और इसमें से 3217 किलोमीटर पर बाड़ लगाई जा चुकी है. हालांकि शेष बचे स्‍थान पर फेंसिंग लगाने को लेकर बांग्‍लादेश विवाद खड़ा कर रहा है.

जनवरी 14, 2025 - 07:31
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बाड़ से क्यों बिलबिला रहा बांग्लादेश, JNU के एक्सपर्ट से समझिए

भारत में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नूरुल इस्लाम को सोमवार को दिल्ली में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया. इससे पहले रविवार को यही कहानी ढाका में दोहराई गई थी, ढाका में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में भारत के उच्चायुक्त को तलब किया. मुद्दा भारत-बांग्लादेश की सरहद पर 5 जगहों पर लगाई जा रही फेंसिंग का था. बांग्लादेश को इस बात पर एतराज था कि भारत ऐसा क्यों कर रहा है. बांग्लादेश अब बाड़ की आड़ ले रहा है, क्योंकि यह  मुद्दा पुराना है लेकिन विवाद नया है. इससे पहले  बांग्लादेश ने भारत में अपने कार्यालयों पर प्रदर्शन को लेकर विरोध जताया था. शेख हसीना को लेकर वो लगातार इसी तरह का रुख दिखा रहा है. आइये जानते हैं कि बॉर्डर पर क्‍यों जरूरी है फेंसिंग और क्‍या है बांग्‍लादेश को इससे दिक्‍कत. 

भारत और बांग्लादेश 4156 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं और इसमें से 3217 किलोमीटर पर बाड़ लगाई जा चुकी है. अब 885 किलोमीटर में ये काम होना है. भारत के 5 राज्यों की सीमा बांग्लादेश के साथ मिलती है. 

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किस राज्‍य से कितनी मिली है सीमा 

2216 किलोमीटर बंगाल में
856 किलोमीटर त्रिपुरा में
443 किलोमीटर मेघालय में
262 किलोमीटर असम में और 
180 किलोमीटर मिज़ोरम में

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फेंसिंग को लेकर खड़ा हो रहा विवाद 

2010 से 2023 के बीच भारत ने 160 जगहों पर फेंसिंग लगाई, जिसे लेकर विवाद खड़ा किया गया. इनके अलावा 78 और जगहों को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ, लेकिन फेंसिंग का काम इसलिए जरूरी हो जाता है कि कई जगहों से बड़ी संख्या में घुसपैठ की आशंका हमेशा बनी रहती है. ये घुसपैठिए बाद में नकली कागज़ातों के सहारे दिल्ली से लेकर मुंबई तक फैल जाते हैं और तरह-तरह की समस्याएं खड़ी करते हैं. 

बांग्‍लादेश बॉर्डर पर क्‍यों जरूरी है फेंसिंग?

जेएनयू के प्रोफेसर संजय भारद्वाज ने कहा कि बांग्‍लादेश से लगते बॉर्डर को सुरक्षित करना मुश्किल काम है, लेकिन भारत सरकार ने बॉर्डर डवलपमेंट प्रोग्राम के माध्‍यम से यहां पर फेंसिंग की कोशिश की है. उन्‍होंने कहा कि 2001 से 2006 के बीच व्‍यापक पैमाने पर आतंकवादियों, उग्रवादियों, कट्टरपंथियों की बहुत बड़ी आवाजाही इस बॉर्डर के माध्‍यम से भारत के पूर्वोत्तर राज्‍यों में देखने को मिली है. इसे ध्‍यान में रखते हुए भारत सरकार ने करीब 3200 किमी लंबे बॉर्डर पर फेंसिंग की. इसके जरिये कोशिश की गई कि आतंकवाद, कट्टरपंथियों और उग्रवादियों को रोका जाए.  

उन्‍होंने कहा कि अवैध गतिवधियों जैसे ड्रग्‍स की तस्‍करी, मानव तस्‍करी, करेंसी रैकेट दोनों देशों के बीच चल रहा था. उसे रेगुलेट करके बंद करने का प्रयास किया गया. 

बांग्‍लादेश को फेंसिंग से आखिर दिक्‍कत क्‍या है?

उन्‍होंने कहा कि मोहम्‍मद यूनुस के पीछे जो ताकते हैं, वो कट्टरपंथी ताकते हैं. वो अपने बिजनेस को चलाने के लिए और  खुद को मजबूत करने के लिए इस तरह की अवैध गतिविधियों का सहारा लेते हैं और भारत के पूर्वोत्तर राज्‍यों को अस्थिर करने की उनकी मंशा है. 

उन्‍होंने कहा कि 2001 से 2006 के बीच ऐसे बहुत से सबूत मिले हैं, जिनमें पाकिस्‍तान की आईएसआई का नाम सामने आया है. वह ताकतें एक बार फिर मजबूत हो गई हैं और वो नहीं चाहती है कि फेंसिंग की जाए. 

appuraja9 Appu Raja is a multifaceted professional, blending the roles of science educator, motivator, influencer, and guide with expertise as a software and application developer. With a solid foundation in science education, Appu Raja also has extensive knowledge in a wide range of programming languages and technologies, including PHP, Java, Kotlin, CSS, HTML5, C, C++, Python, COBOL, JavaScript, Swift, SQL, Pascal, and Ruby. Passionate about sharing knowledge and guiding others, Appu Raja is dedicated to inspiring and empowering learners in both science and technology.